गाजियाबाद को 45 दिन में नहीं मिला स्थायी कप्तान … टेम्प्रेरी SSP के भरोसे दिल्ली से सटा जिला, जबकि UP सरकार पर हैं SP रैंक के 209 अफसर

एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली तो दूसरी तरफ नोएडा पुलिस कमिश्नरी। NCR के प्रमुख जिलों में शुमार गाजियाबाद फिलहाल एक अदद स्थायी कप्तान (SSP) के लिए तरस रहा है। 45 दिन से उत्तर प्रदेश सरकार को यहां के लिए स्थायी SSP नहीं मिला, शायद इसीलिए तौर पर भेजे गए अफसर से जिला चलाया जा रहा है। ये हालात तब हैं, जब UP में SP रैंक के 209 IPS ऑफिसर हैं। एक महीना से ज्यादा हो चुका है, मुनिराज जी. कार्यवाहक SSP के रूप में जिला संभाल रहे हैं। हालांकि इतना जरूर है कि मुनिराज जी के कार्यकाल में पुलिस सक्रियता जरूर बढ़ी है। वह खुद भी रोजाना फुट पेट्रोलिंग करते हैं और ज्यादातर बड़ी घटनाओं पर स्वयं पहुंचते हैं।

पवन के सस्पेंड होने पर भेजे गए थे मुनिराज
28 मार्च 2022 को जिला गाजियााबद में पेट्रोल पंप कर्मचारियों से करीब 25 लाख रुपए की लूट के बाद CM योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के SSP पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद DIG (सतर्कता) एलआर कुमार को गाजियाबाद के लिए भेजा गया, लेकिन वह स्वास्थ्य कारणों की वजह से नहीं आए।
फिर उप्र सरकार ने 3 अप्रैल को लखनऊ में SP (अभिसूचना) मुनिराज जी. को गाजियाबाद का कार्यवाहक SSP बनाकर भेजा। एक महीना पूरा हो चुका है, लेकिन गाजियाबाद को टेम्प्रेरी कप्तान ही संभाले हुए हैं। न तो मुनिराज जी. को स्थायी किया गया है और न ही यहां कोई दूसरा IPS अफसर स्थायी SSP के रूप में भेजा गया है।

एसएसपी मुनिराज जी. रोजाना ही फोर्स के साथ फुट पेट्रोलिंग करते हैं।
एसएसपी मुनिराज जी. रोजाना ही फोर्स के साथ फुट पेट्रोलिंग करते हैं।

SP रैंक के 70 से ज्यादा अफसर बिना चार्ज वाले
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में SP रैंक के 218 ऑफिसर्स के पास यूपी कैडर है। इसमें 9 ऑफिसर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। इस प्रकार 209 एसपी रैंक के आईपीएस अफसर अभी भी यूपी में मौजूद हैं। यूपी में 75 जिले हैं। इसमें चार पुलिस कमिश्नरेट की कमान ADG रैंक के अफसरों के पास है। बचे 71 जिलों में SP रैंक के IPS ऑफिसर को कमान मिली है।
इसके अलावा UP में 33 वाहिनी हैं। इन सभी वाहिनी में भी SP रैंक के अफसर तैनात हैं। अब बचते हैं 104 अफसर। इसमें कुछ DGP मुख्यालय तो कुछ UP पुलिस की दूसरी शाखाओं में तैनात हैं। कुल मिलाकर एसपी रैंक के अफसरों की भारी संख्या होने के बावजूद सरकार को एक स्थायी एसएसपी गाजियाबाद के लिए नहीं मिल पाना सोचनीय है।

मुनिराज जी. के कार्यकाल की पांच प्रमुख वारदातें

  • 07 अप्रैल : राकेश मार्ग पर बदमाशों ने लूट के इरादे से सर्राफा व्यापारी विकास वर्मा को गोली मारी।
  • 12 अप्रैल : साहिबाबाद क्षेत्र में शनि चौक के पास दंपति से बदमाशों ने 3 लाख रुपए लूटे।
  • 13 अप्रैल : गाजियाबाद के खोड़ा से लापता 10 वर्षीय हर्ष की फिरौती को लेकर हत्या।
  • 20 अप्रैल : कविनगर थाना क्षेत्र की वेव सिटी में दो लोगों की गोली मारकर हत्या।
  • 27 अप्रैल : हिंडन रिवर मेट्रो स्टेशन के पास शिकंजी विक्रेता की पीट-पीटकर हत्या।

कार्यवाहक SSP पर होते हैं कम अधिकार
कार्यवाहक SSP के पास बहुत ज्यादा अधिकार भी नहीं होते। अभी दो दिन पहले गाजियाबाद में एक इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने की कार्रवाई आईजी मेरठ रेंज के स्तर से की गई। दरअसल, कार्यवाहक होने की स्थिति में SSP सिर्फ अनुमोदन कर सकते हैं। उसके बाद फाइल आईजी को जाती है और वही एप्रूवल देते हैं।

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