धधकती धरा में खाक हो रही ‘मेहनत’, दमकलों में नहीं बचा ‘दम
ग्वालियर. संभाग के जिलों में बढ़ते तापमान के कारण होने वाली अग्निकांड की घटनाओं को रोकने में नगर पालिका नाकाम साबित हो रही है। खेतों में खड़ी किसानों की मेहनत उनकी आंखों के सामने ही स्वाह हो रही है। जिलों में बढ़ते अग्निकांड को रोकने में नपा की दमकल गाडिय़ों की सांस फूल रही है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण ज्यादातर जिलों की दमकल गाडिय़ां खराब पड़ी हैं। दतिया और मुरैना में अग्निकांड से सबसे ज्यादा किसानों को नुकसान पहुंचा है।
ये है अग्निशामक वाहनों की स्थिति
उल्लेखनीय है कि करीब 50 हजार आवास एवं दो लाख से ज्यादा की आबादी वाले भिण्ड शहर के लिए महज तीन फायर बिग्रेड हैं। इनमें से एक खराब हालत में पड़ी है। इसी प्रकार मेहगांव में 02 में से एक दमकल खराब स्थिति में है। इतना ही नहीं गोहद में तीन अग्निशामक वाहनों में से 02 फायर बिग्रेड खराब हैं। वहीं मालनपुर की 05 दमकलों में से 02 खराब पड़ी हुई हैं। छह अग्निशामक वाहन आग बुझाने में सक्षम नहीं हैं। आग लगने पर लोगों को अपने स्तर पर प्रयास करने पड़ रहे हैं।
भिण्ड में 22 अग्निशामक वाहन में 07 खराब हालत में
ग्वालियर संभाग के शिवपुरी, दतिया, श्योपुर और मुरैना में भी दमकल वाहनों की स्थिति खराब है। शिवपुरी में 4 दमकल वाहनों में से 3 बेकार हैं। लिहाजा 1 ही गाड़ी पर सभी निर्भर करते हैं। सबसे ज्यादा अग्निकांड की घटनाएं दतिया में हुईं हैं, लेकिन यहां की स्थिति भी सभी जिलों की तरह खस्ताहाल है।
आंखों के सामने जल गई फसलें
डबरा तहसील में 8 अप्रैल को चीनोर क्षेत्र के भदेश्वर, सिर सुला, दौलतपुर, बरगवां, इटमा गांव में अग्रिकांड की घटना से 2000 बीघा में खड़ी गेहूं की फसल जल गई थी। डबरा की खराब होने और भितरवार से भी फायर ब्रिगेड नहीं पहुंचने से नुकसान ज्यादा हो गया। कलेक्टर के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट पहुंचे थे, जिसमें लाखों रुपए की फसल जल गई थी। समस्या का समाधान नहीं हो सका।