सजगता … दफ्तर की संपत्ति को निजी मान रहे हैं? जानिए कहां गलती कर रहे हैं
- संस्थान द्वारा दी गईं सुविधाएं हमारी निजी संपत्ति नहीं हैं इसलिए इनका इस्तेमाल सिर्फ़ कार्यालय संबंधी ही होना चाहिए। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इस लेख में जानिए।
जब आप किसी संस्थान द्वारा प्रदान किये लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते हैं तो उसका इस्तेमाल सिर्फ़ दफ़्तर से जुड़े कामों के लिए ही करना चाहिए। ये कम्प्यूटर आपका नहीं है इसलिए निजी कामों के लिए इसका उपयोग करना उचित नहीं है। कुछ संस्थान ऐसे सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल करते हैं जिससे वे कर्मचारियों की हर गतिविधि पर नज़र रख सकते हैं। आप क्या कर रहे हैं, कौन-सी वेबसाइट खोल रहे हैं जैसी तमाम जानकारियां उन्हें मिलती रहती हैं। इससे न केवल आपकी नौकरी को ख़तरा हो सकता है बल्कि संस्थान की जानकारी की सुरक्षा को भी नुक़सान पहुंच सकता है।
मैसेज या चैट करना
लगभग सभी मैसेंजर एप्स का इस्तेमाल मोबाइल से कम्प्यूटर पर सिंक करके किया जा सकता है। ऐसे में संस्थान के कम्प्यूटर पर काम करने के साथ-साथ मैसेंजर एप सिंक करके चैट करना सही नहीं है। इसी तरह कंप्यूटर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल और मैसेंजर पर दोस्तों से बातचीत करना आपकी नौकरी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
निजी जानकारी सेव करना
जब आप किसी बैंक या सोशल मीडिया आदि की वेबसाइट पर लॉग इन करते हैं या फॉर्म भरते हैं तो एक फोल्डर में पासवर्ड, फोटो और निजी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड आदि भी सेव करते जाते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि बड़े-बड़े संस्थानों पर साइबर अटैक का जोख़िम हमेशा रहता है। अगर आपका पासवर्ड उनके हाथ लगता है तो वे आपकी निजी जानकारी, ख़ासतौर पर बैंक की जानकारी का दुरुपयोग कर सकते हैं। लिहाज़ा निजी तस्वीरें, पता या अन्य दस्तावेज़ संस्थान के कंप्यूटर में न रखें।
नई नौकरी खोजना
अगर आप नई नौकरी की तलाश में हैं तो बेहतर होगा कि आप अपना रेज़्यूमे संस्थान के कम्प्यूटर पर अपडेट न करें। नई नौकरी खोजने के लिए भी इसका इस्तेमाल करना उचित नहीं है। अगर संस्थान किसी सॉफ्टवेयर की मदद से आपके कंप्यूटर पर नज़र रख रहा है तो इस वजह से आपकी छवि ख़राब हो सकती है और नौकरी भी जा सकती है।
डाउनलोड न करें फाइल्स
संस्थान द्वारा प्रदत्त उपकरण में कोई भी अनजानी फाइल डाउनलोड करने से बचें। यदि आप निजी काम के लिए कोई फाइल डाउनलोड कर रहे हैं तो हो सकता है कि वह सुरक्षित न हो। इससे कंप्यूटर को मैलवेयर या सायबर अटैक का जोख़िम हो सकता है। ऐसा होने पर लंबे समय के लिए आपका दफ़्तर का कार्य रुक सकता है क्योंकि जबतक लैपटॉप या कंप्यूटर ठीक नहीं होगा, आप उसका उपयोग नहीं कर पाएंगे। सार्वजनिक वायफाय या किसी पेनड्राइव का इस्तेमाल करने से भी बचें।
कंपनियों के लिए परेशानी
निजी कार्यों के लिए दफ़्तर के लैपटॉप या कम्प्यूटर के इस्तेमाल के चलते होने वाले कार्य के नुकसान से परेशान होकर कई वैश्विक कंपनियां इससे जुड़े सर्वेक्षण करवाती हैं। एक सर्वे के नतीजों के मुताबिक़ – सर्वे का उत्तर देते हुए 59 प्रतिशत भारतीय प्रतिभागियों ने माना कि वे दफ़्तर के इंटरनेट का उपयोग निजी कामों के लिए करते हैं, सिंगापुर के कर्मचारियों में यह प्रतिशत 53 मिला, यूके में 48 प्रतिशत और यूएई में 37 प्रतिशत।
निजी कामों में शेयर बाज़ार की गतिविधियां, ऑनलाइन ख़रीदारी और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर निजी संदेश भेजना-पढ़ना शामिल है। कुछ लोग नौकरी की तलाश करने और अपने सीवी को अपडेट करने के लिए भी दफ़्तर के ही कम्प्यूटर का उपयोग करते देखे गए। (ये आंकड़े कोविड के दौर से पहले के हैं)