PM के लोकार्पण वाला पुल ढाई साल में टूटा …

रायबरेली-सुल्तानपुर NH पर 40 करोड़ से बना, 36 घंटे बाद भी नहीं शुरू मरम्मत का काम…..

जिस ओवरब्रिज का लोकार्पण स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया हो और वो महज ढाई साल में जर्जर हो जाए तो काम करने वाली कंपनी पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। रायबरेली से सुल्तानपुर जाने वाले NH-128 के पुल में दरार आ गई है। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने पुल पर आवागमन बंद कर दिया है। रूट डायवर्जन होने के चलते लोगों को 45 किमी की अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। हालांकि, 36 घंटे बाद भी पुल की मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका है।

बता दें, शहर के मलिक मऊ कॉलोनी के पास रेलवे ओवरब्रिज पर 40 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण किया गया था। इसका लोकार्पण दिसंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। बीते शनिवार दोपहर करीब 2 बजे पुल में दरार आ गई। पुल का एक हिस्सा लगभग एक फीट दूर चला गया, जिससे कि पुल की दीवारें बीच से चिटक गईं।

इस पुल का निर्माण 40 करोड़ की लागत से कराया गया था।
इस पुल का निर्माण 40 करोड़ की लागत से कराया गया था।

NHAI की टीम ने की जांच
पुल से गुजर रहे लोगों ने जब दरारें देखी तो पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते DM माला श्रीवास्तव, SP श्लोक कुमार, CO सिटी वंदना सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट पल्लवी मिश्रा मौके पर पहुंच गईं। आनन-फानन में उधर से जाने वाले वाहनों और लोगों को रोका गया। ट्रैफिक पुलिस ने पुल पर बैरिकेडिंग लगा दी।

निरीक्षण के बाद स्थानीय NHAI के इंजीनियर और अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया। जानकारी होने पर NHAI के इंजीनियरों की एक टीम लखनऊ से बुलाई गई। टीम ने निरीक्षण के दौरान पुल से फोटो और वीडियो लिए। साथ ही कहा कि 7 दिन में पुल चालू कर दिया जाएगा।

पुलिस-प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर पुल पर आवागमन बंद कर दिया है।
पुलिस-प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर पुल पर आवागमन बंद कर दिया है।

ऊबड़-खाबड़ सड़क पर पैदल चलना दूभर
ओवरब्रिज पर आवागमन बंद होने के बाद दो और चार पहिया वाहनों के लिए ITI मोड़ से सुल्तानपुर हाईवे जाने का रूट बनाया गया है। इस सड़क की दशा बहुत ही खराब है। कुछ जगहों पर तो इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि वाहन 40 की स्पीड में हो, तो भी हादसा हो सकता है। कई बार स्थानीय लोगों ने सड़क दुरुस्त कराने के लिए शिकायत की, लेकिन काम नहीं हुआ।

पुल टूटने की सूचना मिलने पर NHAI के इंजीनियरों की टीम लखनऊ से निरीक्षण करने पहुंची थी।
पुल टूटने की सूचना मिलने पर NHAI के इंजीनियरों की टीम लखनऊ से निरीक्षण करने पहुंची थी।

रविवार को NHAI और सेतु निगम के अधिकारियों ने पुल के फोटो और वीडियो देखे। उन्होंने अंदेशा जताया कि ओवर एक्सीलरेशन के कारण ही ओवरब्रिज टूटा होगा। कारण बताया कि पुल में बैरिंग लगी होती हैं, जिससे सस्पेंशन मिलता है। बैरिंग घूम तो गई होगी, लेकिन ओवर एक्सीलरेशन के कारण वापस पूर्व की स्थिति में नहीं आ पाई होगी। इसी के चलते पुल के मुख्य हिस्से में दरार हो गई।

NHAI के परियोजना प्रबंधक समर सिंह का कहना है, ओवरब्रिज का निर्माण कार्य हैदराबाद की जीकेसी कंपनी की तरफ से कराया गया था। कंपनी के अधिकारियों को तलब किया गया है। इसी कंपनी की ओर से ओवरब्रिज की मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।

NHAI का कहना है कि एक सप्ताह के अंदर पुल पर आवागमन शुरू करा दिया जाएगा।
NHAI का कहना है कि एक सप्ताह के अंदर पुल पर आवागमन शुरू करा दिया जाएगा।

आज शुरू हो जाएगा मरम्मत का कार्य
उम्मीद है कि कंपनी के अधिकारियों की टीम सोमवार यानी आज यहां पहुंचकर मरम्मत का कार्य शुरू करा देगी। NHAI के उप महाप्रबंधक योगेश कुमार ने बताया, संभवत बैरिंग खराब हुई है या फिर गर्टर में गैप आया है। आज टीम पहुंच रही है। एक सप्ताह में पुल सही करवा दिया जाएगा।

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि महज ढाई सालों के अंदर ही अगर पुल टूट जाए तो उसे निश्चित ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ना कहा जाएगा। जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तो इस तरह न जाने कितने और पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ेंगे।

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