अब हॉलमार्क वाली ज्वैलरी ही लेते हैं ग्राहक, यह है नियम

अब तो जरूरी हो गई शुद्धता की मुहर… साल भर में बदल गया ज्वैलरी खरीदी का ट्रेंड, 90 फीसदी ग्राहक मांग रहे हॉलमार्क///

ग्वालियर। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने पिछले साल 16 जून से गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्क की अनिवार्यता लागू की थी। साल भर में ही शुद्धता की मुहर के रूप में हॉलमार्क ज्वैलरी की डिमांड ऐसी बढ़ी है कि 90 फीसदी ग्राहक सराफा बाजार में इसकी मांग करने लगे हैं।

हॉलमार्क ज्वैलरी के प्रति ग्राहक काफी जागरूक हुए हैं। हॉलमार्किंग का दूसरा चरण 1 जून 2022 से लागू होने जा रहा है। अभी तक देश भर के 265 जिलों में इसे अनिवार्य किया गया था, इसमें 32 नए शहर जुडऩे जा रहे हैं। इस तरह से अब इनकी संख्या 288 हो जाएगी। शुरुआत में मध्यप्रदेश में 8 जिले शामिल किए गए थे, अब इसमें चार और जुड़ने के बाद इनकी संख्या 12 हो जाएगी।

वहीं हॉलमार्क ज्वैलरी की शुद्धता की जांच के लिए बीआइएस समय-समय पर सराफा कारोबारियों के पास जाकर ज्वैलरी की जांच भी कर रहा है। एक महीने में प्रदेश भर में करीब 100 से अधिक सेंटरों पर इसकी जांच की जा चुकी है।

23 जून 2021 को 256 जिलों में सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई थी, जिसमें 3 ग्रेड यानी 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण-कलाकृतियां उपलब्ध थीं।

दूसरे चरण में 32 और जिले और स्वर्ण शुद्धता के अतिरिक्त 3 ग्रेड यानी 20, 23 और 24 कैरेट शामिल किए जा रहे हैं।

1 जून 2022 से सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग में शामिल होंगे 32 अतिरिक्त जिले और सोने की शुद्धता के 3 ग्रेड यानी कुल 6 ग्रेड 14, 18, 20, 22, 23 और 24।

बीआइएस केयर एप के वेरीफाइ एचयूआइडी फीचर का उपयोग करके हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों-कलाकृतियों की प्रामाणिकता को जांचा जा सकता है। यदि कोई शिकायत हो तो उसे बीआइएस केयर एप के माध्यम से दर्ज किया जा सकता है।

ऑफ सेंटर भी होने जा रहे शुरू

भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग के लिए सेंटर खोले गए थे। शहर में भी तीन हॉलमार्किंग सेंटर काम कर रहे हैं। 1 जून से शुरू होने जा रहे दूसरे चरण में ऑफ सेंटर खुलने जा रहे हैं। कटनी से इसकी शुरूआत हो चुकी है। जिन लोगों के पास हॉलमार्क सेंटर हैं, वही ऑफ सेंटर भी खोल सकेंगे। ऑफ सेंटर पर हॉलमार्क सेंटर की तरह ही ज्वेलरी जमा कराकर हॉलमार्क कराई जा सकेगीे।

बीआइएस ने एक सामान्य उपभोक्ता को बीआइएस से मान्यता प्राप्त किसी भी एसेइंग एंड हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) में अपने बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की शुद्धता की जांच कराने की अनुमति देने का प्रावधान किया है। सोने के आभूूषणों की चार वस्तुओं तक का परीक्षण शुल्क 200 रुपए होगा। पांच या इससे अधिक वस्तुओं के लिए यह शुल्क 45 रुपए प्रति वस्तु तय किया गया है। दो ग्राम से अधिक ज्वैलरी को बीआइएस के सेंटर से जांच करवाकर उस पर संबंधित कैरेट का मार्क लगाया जाता है। ज्वैलरी पर बीआइएस का तिकोन निशान, हॉलमार्किंग केंद्र का लोगो, सोने की शुद्धता लिखी जाती है। साथ ही ज्वेलरी कब बनाई गई, इसका साल और ज्वैलर का लोगो भी रहता है।

हॉलमार्क ज्वैलरी के लिए जागरूक हुए उपभोक्ता

बीआइएस की 22 वर्ष की मेहनत अब रंग लाने लगी है। पिछले एक वर्ष में ज्वेलरी खरीदने वाला उपभोक्ता हॉलमार्क के प्रति काफी जागरूक हुआ है। दूसरे चरण की शुरूआत 1 जून से होने वाली है। इसमें 32 नए शहरों को जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही ज्वेलरी हॉलमार्किंग के लिए ऑफ सेंटर भी शुरू होने जा रहे हैं। बीआइएस भी लगातार ज्वेलर्स के पास जाकर हॉलमार्क ज्वैलरी की शुद्धता की जांच कर रहा है।

-रमन कुमार त्रिवेदी, साइंटिस्ट, भारतीय मानक ब्यूरो

10 फीसदी अतिरिक्त दाम के बाद भी सिर्फ हॉलमार्क

पहले सामान्य ज्वैलरी की खरीद की तुलना में अब हॉलमार्क ज्वैलरी लेने वाले ग्राहकों को 10 फीसदी अतिरिक्त दाम चुकाना पड़ते हैं। हॉलमार्क ज्वैलरी में मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क चार्ज और जीएसटी की लागत बढ़ जाती है। फिर भी शुद्ध ज्वेलरी की चाह में लोग अधिक दाम देने को भी तैयार हैं।

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