भिण्ड …. खुलेआम भ्रष्टाचार

जिम्मेदारों की नाक के नीचे नाला निर्माण में….

भिण्ड. उल्लेखनीय है पुरानी कुटी मंडी इलाके में अग्रवाल नर्सिंग होम मार्ग से चंदू की तिवरिया तक सड़क के दोनों ओर एक करोड़ रुपए लागत में नाला निर्माण कराया जा रहा है। इसमें बेस एवं सपोर्टिंग वॉल में 10 एमएम सरिए की जगह 08 एमएम व सपोर्टिंग वॉल के सपोर्ट के लिए लगाए जाने वाले 12 एमएम सरिए की जगह भी 08 एमएम सरिया ही लगाया जा रहा है। हैरत की बात ये है कि पुलियों की लिए बनाए गए स्लैब में एस्टीमेट के अनुसार 16 एमएम का सरिया उपयोग किया जाना है, लेकिन उसमें भी 12 एमएम का सरिया उपयोग करवाया जा रहा है। फिलहाल होटल लैंडमार्क साइड से नाले का निर्माण शुरू होकर अग्रवाल मार्ग तक पहुंच गया है। दूसरी साइड में नाला बनाया जाना अभी शेष है। विदित हो कि पिछले हिस्से में बनकर तैयार हो चुके नाले का आंशिक हिस्सा दरारें छोड़ने लगा है। एडवोकेट नवीन पांडे के घर के बाहर पाटे गए नाले में कई स्थानों पर दरारें हो गई हैं, जबकि नाले का निर्माण अभी खत्म भी नहीं हो पाया है।

दोनों ओर 440-440 मीटर बनना है नाला

पुरानी कुटी मंडी में दोनों ओर 440-440 मीटर लंबा नाला बनाया जाना है। फिलहाल एक साइड के नाले का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। दूसरी साइड पर निर्माण शुरू होना अभी बाकी है। नाले की चौड़ाई एक मीटर रखी गई है जबकि ऊंचाई 1.2 मीटर है। विदित हो कि नाले का बेस छह इंच होना है। बेस में डस्ट वाली गिट्टी बिछाकर ऊपर से आठ का मसाला लगाया जा रहा है। मजे की बात ये है कि एक साइड का नाला पूरा बन जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर निर्माण कार्य की गुणवत्ता नहीं जांची गई है। यदि निरीक्षण किया गया है तो अनियमितताओं को जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है।

25 से 30 लाख के घोटाले का अंदेशा

नाला निर्माण कार्य के प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो एस्टीमेट की शर्तों को दरकिनार कर बनाए जा रहे नाले में ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों की सांठगांठ से करीब 25 से 30 लाख का घोटाला किए जाने की तैयारी कर ली गई है। घटिया स्तर का निर्माण कार्य कर न केवल बड़े पैमाने पर सीमेंट बल्कि सरिया की भी व्यापक स्तर पर बचत की जा रही है।

12 एमएम सरिया की जगह 08 एमएम और एक डेढ़ के मसाले की जगह उपयोग हो रहा आठ एक का मसाला

शहर के हॉउसिंग कॉलोनी अग्रवाल नर्सिंग होम मार्ग से चंदू की तिवरिया तक किए जा रहे नाला निर्माण में खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है। प्रशासन ने उक्त निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने को लेकर आंखें मूंद ली हैं। एस्टीमेट के अनुसार नाले का बेस एवं सपोर्टिंग वॉल में 12 एमएम का सरिया लगाया जाना है। वहीं सीमेंट, गिट्टी तथा रेत से बनाया जाने वाला मसाला एक बोरी सीमेंट एवं डेढ़ बोरी गिट्टी व डेढ़ बोरी रेत का उपयोग किया जाना है, लेकिन इसे दरकिनार कर ठेकेदार द्वारा मसाले में आठ बोरी रेत, आठ बोरी गिट्टी और एक बोरी सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है। सरिया 08 एमएम का लगाया जा रहा है।
08 एमएम सरिया का बनाया जा रहा तल एवं दोनों ओर की सपोर्टिंग वॉल
01 करोड़ रुपए लागत से बनाया जा रहा है नाला 440 मीटर है एक साइड नाले की लंबाई 880 मीटर नाला बनाया जाना है दोनों ओर 1.2 मीटर ऊंचा बन रहा नाला 06 इंच का पक्का बेस है नाले का 01 मीटर चौड़ाई है नाले की
नाले पर स्पष्ट दिख रही दरार

सिर्फ कमीशन खाने के उद्देश्य से नाला बनाया जा रहा है। नाले की लोगों को जरूरत नहीं थी। निर्माण के लिए सरिया तथा मसाले के उपयोग में सरेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

मुन्ना सिंह भदौरिया, स्थानीय

निरीक्षण करने जाएंगे। यदि एस्टीमेट के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है तो उसकी रिपोर्ट तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को पेश करेंगे।

मनोज कौशल, इंजीनियर नगर पालिका भिण्ड

गुणवत्ताहीन कार्य की जांच कराएंगे। निर्माण कार्य सही नहीं पाए जाने पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *