gwalior … नगर निगम:शहर के 11 वार्ड ऐसे, जहां पिछड़े वर्ग की आबादी 50% से ज्यादा
नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाले 66 वार्डों में 11 वार्ड ऐसे हैं, जहां पिछड़े वर्ग की आबादी आधे से ज्यादा है। हालांकि नगरीय निकाय चुनाव में निगम सीमा में निवास करने वाली पिछड़े वर्ग की कुल आबादी के आधार पर वार्डों का आरक्षण होगा। पिछड़े वर्ग की आबादी को लेकर आंकड़ों में भी अंतर आ रहा है।
जनवरी 2022 में पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा मांगी गई जानकारी के आधार पर निगम द्वारा भेजी गई जानकारी में पिछड़े वर्ग की आबादी का रेशो 34.4 फीसदी बताया गया है। जबकि पिछड़ा वर्ग आयोग ने इसका अध्ययन कराने के बाद निगम सीमा में पिछड़े वर्ग की आबादी को 31 फीसदी (30.5%)माना है। दिसंबर 2021 में आयोग ने वार्ड 9, 10, 11 और 12 में रहने वाले पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की जानकारी मांगी थी।
वे वार्ड, जहां ओबीसी की आबादी 15% से भी कम: शहर के 66 वार्डों में 9 वार्ड ऐसे भी हैं, जहां पिछड़े वर्ग की आबादी 15 फीसदी से भी कम है। इनमें वार्ड क्रमांक 7 (11.8), 16 (13), 17 (12.5), 22 (8.4), 23 (6.1), 24 (13.8), 43 (13.3), 45 (8.4) और वार्ड क्रमांक 58 जिसमें पिछड़े वर्ग की आबादी महज 6 फीसदी है।
रोटेशन प्रणाली से होगा आरक्षण
नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण में रोटेशन प्रणाली अपनाई जाएगी। इसका वार्ड की आबादी से कोई संबंध नहीं है। जानकारों के अनुसार जो वार्ड पिछले नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित थे, उन्हें अलग कर शेष वार्डों की लॉटरी निकाली जाएगी।
आरक्षण 50% से अधिक न हो
आयोग ने पिछड़े वर्ग के लिए 35 फीसदी आरक्षण की अनुशंसा की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार एससी-एसटी की आबादी के आधार पर उन्हें दिए जा रहे आरक्षण को सुरक्षित रखते हुए ओबीसी को आरक्षण देने की बात कही है। लेकिन कुल आरक्षण 50%से अधिक नहीं होना चाहिए।-गौरीशंकर विसेन, अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग
आंकड़ों में संशोधन किया गया
पिछड़ा वर्ग आयोग के निर्देश पर निगम ने शहर के वार्डों में रहने वाले ओबीसी मतदाताओं के आंकड़े जुटाए थे। इस पर मैंने वार्ड 55 की संख्या को लेकर आपत्ति जताई थी। इसके बाद आंकड़ों में संशोधन किया गया। मनोज तोमर, पूर्व पार्षद