अखिलेश ने पत्नी का नाम काटा … जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजेगी सपा, 2024 साथ लड़ने का दिया संदेश

सपा ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को गठबंधन की ओर से राज्यसभा भेजने का ऐलान किया है। इससे पहले सपा ने राज्यसभा के लिए कपिल सिब्बल और जावेद अली के नाम का ऐलान किया था। UP कोटे से राज्यसभा की 11 सीटें खाली हो रही हैं। इसमें 3 सीट पर सपा गठबंधन की जीत पक्की है, जबकि 7 सीटों पर ‌BJP का पलड़ा भारी है। 1 सीट पर कांटे की टक्कर होगी।

अभी तक चर्चा थी कि कपिल सिब्बल के साथ जावेद अली और डिंपल यादव को राज्यसभा भेजने की तैयारी थी। अब जयंत चौधरी का नाम आगे आ गया है। ऐसे में यह तो तय है कि डिंपल यादव को राज्यसभा नहीं भेजा जाएगा। यानी, अखिलेश ने पत्नी का टिकट काटकर जयंत को आगे किया है।

अखिलेश और जयंत की फाइल फोटो। दोनों दलों ने 2022 का विधानसभा चुनाव एक मिलकर लड़ा था।
अखिलेश और जयंत की फाइल फोटो। दोनों दलों ने 2022 का विधानसभा चुनाव एक मिलकर लड़ा था।

प्रदेश में सपा ने 111, रालोद ने 8 और सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी ने 6 सीटें जीती हैं। प्रदेश में राज्यसभा की 31 सीटें हैं।

जाट वोट पाने में हुए कामयाब

जाट और मुस्लिम रालोद का कोर वोट हुआ करते थे। इस चुनाव में एक बार फिर से जयंत यह वोट पाने में कामयाब हुए हैं। सपा 2024 के चुनाव में इसको लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। ऐसे में जयंत को राज्यसभा भेज कर पार्टी बड़ा संदेश देना चाहती है।

पश्चिम में भाजपा को रोक सकती है रालोद

पश्चिमी UP में भाजपा को सबसे बड़ा सियासी नुकसान करने में रालोद कामयाब रहा है। गठबंधन में जयंत ने खुद को मजबूती से पेश किया है। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पहली बार जाट वोट रालोद के हिस्से में इतनी बड़ी संख्या में खड़ा दिखाई दिया है। चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद जयंत रालोद के अध्यक्ष बनाए गए थे। उनके नेतृत्व में रालोद ने पहला चुनाव लड़ा और आठ सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की।

साल 2009 में सांसद बने

रालोद अध्यक्ष जयंत 2009 में मथुरा से पहली बार सांसद बने थे। इसके बाद वह 2012 में मथुरा की मांट सीट से विधायक चुने गए थे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। मांट से लगातार जीतने वाले विधायक श्याम सुंदर शर्मा को हराने में भी जयंत कामयाब रहे थे।

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