पंजाब और राजस्थान से सटे हरियाणा के नौ जिलों में स्कूली बच्चे नशे की चपेट में
26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस है, इस दिन सिरसा में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में अनेक ऐसे लोग मौजूद रहेंगे, जिन्होंने नशा छोड़कर नया जीवन शुरू किया है।
पंजाब-हरियाणा की सीमा के साथ लगते हरियाणा के जिलों में स्कूली बच्चे नशे की चपेट में आ रहे हैं। राज्य बाल कल्याण परिषद के पास इसकी सैकड़ों शिकायतें पहुंची हैं। सिरसा, फतेहाबाद, कैथल समेत लगभग नौ जिले ऐसे हैं, जिनमें अनेक बच्चों को नशे की लत लग गई है। परिषद की मानद महासचिव रंजीता मेहता ने इसका खुलासा किया है।
उन्होंने बताया कि सोमवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर नशाखोरी की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि नशे को लेकर जो भी शिकायतें जिलों से आएं, उन्हें तुरंत सरकार के संज्ञान में लाएं।
पंजाब और राजस्थान से आ रहा नशा प्रदेश के युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। एकल परिवारों में माता-पिता कामकाजी होने के कारण बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते। अधिकारियों को दोनों राज्यों की सीमाओं पर अधिक सचेत रहने को कहा है। साथ नशे का शिकार बच्चों की काउंसलिंग भी कराई जाएगी।
मेहता ने बताया कि मनोचिकित्सकों और शिक्षकों की मदद लेकर बच्चों को नशे के नुकसान बताए जाएंगे, इससे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में भी जागरूक करेंगे।
26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस है, इस दिन सिरसा में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में अनेक ऐसे लोग मौजूद रहेंगे, जिन्होंने नशा छोड़कर नया जीवन शुरू किया है।
इन्हें लोगों के सामने रोल मॉडल के तौर पर पेश किया जाएगा। इनके जरिये नशा करने वालों को संदेश देंगे कि इससे बाहर निकलना मुश्किल नहीं है। परिषद अपनी तरफ से पूरा प्रयास करते हुए बच्चों को खेलों व अन्य गतिविधियों की तरफ मोड़ रही है। समर कैंप लगाए जा रहे हैं।