Pollution: रिपोर्ट में खुलासा- राजधानी में प्रदूषण का 64 फीसदी हिस्सा बाहरी
अर्बन एमिशन इंफो से एकत्र किए गए डाटा से पता चला है कि पिछले साल 15 अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच पराली जलाने से 31.68 फीसदी, धूल से 15.84 फीसदी और परिवहन से 11.88 फीसदी प्रदूषण के प्रमुख स्रोत थे….
रिपोर्ट के मुताबिक, 15 अक्तूबर से लेकर 15 जनवरी के बीच परिवहन से 12 फीसदी, धूल से सात फीसदी और घरेलू बायोमास जलने से छह फीसदी सर्दियों में स्थानीय रूप से प्रदूषण में हिस्सेदारी है। शोधकर्ताओं ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस), और अर्बन एमिशन्स. इंफो सहित सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के डाटा का उपयोग किया है।
अर्बन एमिशन इंफो से एकत्र किए गए डाटा से पता चला है कि पिछले साल 15 अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच पराली जलाने से 31.68 फीसदी, धूल से 15.84 फीसदी और परिवहन से 11.88 फीसदी प्रदूषण के प्रमुख स्रोत थे।
वहीं, दूसरे चरण के तहत 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक घरेलू ताप और खाना पकाने से 17 फीसदी, धूल से 17 फीसदी और परिवहन से 16 फीसदी प्रदूषण में योगदान पाया गया। दिलचस्प बात यह है कि 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच घरेलू हीटिंग और खाना पकाने के लिए बायोमास के उपयोग का 31.68 फीसदी, धूल का 15.84 फीसदी और परिवहन का 14.85 फीसदी प्रदूषण में योगदान रहा।
लक्षित तंत्र की आवश्यकता
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरों और अन्य लोगों को खाना पकाने और सर्दी से बचने के लिए स्वच्छ ईंधन का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए एक लक्षित तंत्र की आवश्यकता है। अध्ययन में पिछले साल सर्दियों के प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का भी आकलन किया गया है।
इसके तहत बताया गया है कि नवंबर-दिसंबर 2021 में दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के अलावा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने निर्देशों और आदेशों से कई आपातकालीन प्रतिक्रिया उपायों की शुरुआत की। सुप्रीम कोर्ट ने भी समय-समय पर अधिकारियों को वायु प्रदूषण पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इस कड़ी में दिल्ली में 16 नवंबर को प्रदूषण को लेकर गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया था, हालांकि इसे 20 दिसंबर को हटा दिया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जब ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, निर्माण और विध्वंस गतिविधियों और अन्य प्रतिबंध थे, तब हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में नहीं पहुंची थी।