ग्वालियर … अधिकारी चुनाव में, मौके का फायदा उठाकर अवैध कॉलोनियां बसाने में जुटे कॉलोनाइजर

आचार संहिता लगने के बाद से जिले के सभी अधिकारी पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में उलझे हुए हैं। इसका फायदा उठाकर अवैध कॉलोनी…

ग्वालियर. आचार संहिता लगने के बाद से जिले के सभी अधिकारी पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में उलझे हुए हैं। इसका फायदा उठाकर अवैध कॉलोनी की बसाहट में लगाने में लग गए हैं। हाइवे के किनारे के खेतों में मिट्टी की सड़कें डालकर कॉलोनी विकसित की जा रही हैं, जबकि इंद्रमणि नगर के पीछे के क्षेत्र में बगैर विकास कार्य कराए ही कॉलोनी विकसित हो गई और अब मकान भी बन गए हैं। खास बात यह है कि इस क्षेत्र में करीब दो महीने पहले कार्रवाई हुई थी, इसके बाद भी अवैध कॉलोनी बसने का सिलसिला थमा नहीं है। स्थिति यह है कि वर्तमान में मुरैना ङ्क्षलक रोड, पुरानी छावनी इंद्रमणि नगर, लाल टिपारा, बड़ागांव, खुरैरी, मोहनपुर, पुरासानी, पिपरौली, नयागांव, सिथौली, कोठे की सराय, तुरारी, लखनौती खुर्द, जड़ेरुआ, अडूपुरा गांवों में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इस अवैध बसाहट में तत्कालीन पंचायत सचिव और वर्तमान में नगर निगम में टीसी बने कर्मचारी भी शामिल हैं।

अधिकारी चुनाव में, मौके का फायदा उठाकर अवैध कॉलोनियां बसाने में जुटे कॉलोनाइजर….

यह है स्थिति..

पुरानी छावनी
शंकरपुर, बरा, गंगा मालनपुर और पुरानी छावनी क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनी काटी गई हैं। सूत्र बताते हैं कि पुरानी छावनी क्षेत्र में करीब 20 कॉलोनियों में शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों का शेयर है, जिसकी वजह से यहां एक बार भी कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने जन सुनवाई में भी कई बार शिकायत की और हर शिकायत के बाद आसपास की दूसरी कॉलोनियों पर कार्रवाई की औपचारिकता हुई लेकिन जिन कॉलोनियों में सरकारी अधिकारियों के शेयर होने की शिकायत की गई थी, वहां कार्रवाई कभी नहीं हुई।

मुरैना रोड
महाराजपुरा से मुरैना की ओर जाने वाले हाइवे पर खेतों में मिट्टी की सड़कें बनाकर कॉलोनी का विकास किया जा रहा है। भूखंड खरीदने वालों को यह बताया जा रहा है कि अभी मिट्टी की सड़क इसलिए डाली जा रही है ताकि बाद में सीवर लाइन डालने में किसी तरह की परेशानी न हो। धोखे में रखकर हो रही इस प्लॉङ्क्षटग में राजस्व और नगर निगम के कर्मचारी भी शामिल हैं।

इंद्रमणि नगर
मेला ग्राउंड के पीछे इन्द्रमणि नगर कॉलोनी के पीछे की ओर लगभग 10 बीघा जमीन में अवैध कॉलोनी बस रही है। कॉलोनी में सरकारी जमीन कब्जाकर प्लॉङ्क्षटग करने की शिकायत हो चुकी है। इसके बाद नगर निगम और राजस्व की टीम ने कार्रवाई भी की थी लेकिन बाद में सब शांत होने पर फिर से पूरी कॉलोनी में बसाहट कर दी गई। अब इस कॉलोनी की गलियों में 100 से अधिक मकान बन गए हैं। कॉलोनी बसाने वालों द्वारा पूरी बसाहट करने की बजाय एक बार में सिर्फ चार से पांच मकान बनाकर बेचे जा रहे हैं ताकि किसी की नजर में यह अवैध कॉलोनी न आए। इस अवैध कॉलोनी को बसाने में क्षेत्र के पटवारी की मिलीभगत भी सामने आई है।

बड़ागांव-मोहनपुर क्षेत्र
खुरैरी नाले के पीछे के क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अवैध मकान बनने लगे हैं। गांव के ही दबंगों ने कब्जाई गई जमीन को बेच दिया है। यही हाल मोहनपुर टोल के आसपास की जमीन का है। सड़क किनारे बने होटल के पीछे ही करीब 10 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। यहां रेत का अवैध डंप लगाया जा रहा है। पास में ही खुली भूमि पर रंगत डालकर प्लॉङ्क्षटग की जा रही है। इसके अलावा रतवाई, भेला कलां, उदयपुर, लाल टिपारा, पिपरौली, जड़ेरुआ, पुरासानी आदि गांवों में भी लगातार अवैध कॉलोनी विकसित हो रही हैं। खास बात यह है कि एग्रीमेंट करके बसाई जा रही इन कॉलोनियों में कार्रवाई होने पर कॉलोनाइजर की बजाय किसान पर ही प्रकरण दर्ज होता है, इसके बाद भी किसान लगातार एग्रीमेंट कर रहे हैं।

अवैध कॉलोनियों की सूची बन चुकी है
अवैध कॉलोनियों की सूची बन चुकी है। आम जन को इन अवैध कॉलोनियों में भूखंड लेने से बचना चाहिए। जिन क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही हैं, उनमें से एक भी नहीं छोड़ा जाएगा। जो नई बसी हैं, उनकी भी सूची बनी है और जो अवैध बसाहट पहले से हैं, उनकी भी सूची बनी है। इन सभी पर कार्रवाई होगी और कॉलोनाइजर्स पर भी प्रकरण दर्ज कराए जाएंगे।
कौशलेन्द्र विक्रम ङ्क्षसह, कलेक्टर

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