रेत खनन पर रोक लेकिन अवैध खनन जारी,अफसर चुनाव में व्यस्त
रेत के खनन पर भले ही रोक लग गई हो लेकिन अवैध खनन करने वाले नहीं मान रहे। अफसर पूरे चुनाव में व्यस्त हैं….
ग्वालियर.रेत के खनन पर भले ही रोक लग गई हो लेकिन अवैध खनन करने वाले नहीं मान रहे। अफसर पूरे चुनाव में व्यस्त हैं और अवैध खनन देखने वाला कोई नहीं है। ग्वालियर में रेत खदानों के लिए टेंडर 18 जुलाई को खुलेंगे। जिले में रेत का ठेका लेने वाली कंपनी एमपी सेल्स फेल होने के बाद सरेंडर का आवेदन दे चुकी है जो स्वीकार भी कर लिया गया है। दो साल की अवधि तो एमपी सेल्स ने रेत का ठेका चला लिया लेकिन इसके बाद घाटा होने का दावा किया गया और सरेंडर का आवेदन दे दिया। अब एक साल की अवधि बची होने के कारण रेत खदानों के लिए टेंडर किए जा रहे हैं जो जारी कर दिया गया है और 18 को खुलेगा। अभी तक दो से तीन कंपनियों ने रूचि दिखाई है लेकिन आवेदन नहीं किया है। वहीं 30 जून की रात से रेत के खनन पर प्रतिबंध लग जाएगा जो कि मानसून के सीजन बाद ही हटेगा। इस दौरान अवैध खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का दावा प्रशासन ने किया है।
ग्वालियर जिले में रेत खदानों का ठेका एमपी सेल्स के मनोज अग्रवाल के पास है। इसमें कई पार्टनर भी हैं। रेत खदानों से अवैध खनन को लेकर भी कंपनी पर सवाल खड़े हुए थे जिसके बाद जांच पड़ताल भी हुई थी। अब एक साल के लिए रेत खदानों के ठेके की आफसेट कीमत 12 करोड़ रखी गई है जिसके बाद बोली लगेगी और यह कीमत काफी आगे निकलने की संभावना है। खनिज विभाग ने नए टेंडर को लेकर पूरी तैयारी कर ली है।
अब डंप रेत ही बिक सकेगी
खनन पर प्रतिबंध लगने के बाद अब डंप रेत ही उपयोग की जा सकेगी। ग्वालियर जिले में डंपिंग के पांच लाइसेंस हैं और अब प्रतिबंध के बाद इनके जरिए ही रेत ली जा सकेगी। डंप रेत के लाइसेंस तो हैं लेकिन इसके बाद भी बड़ी मात्रा में अवैध डंपिंग की जाती है। जिला प्रशासन इसे रोकने का दावा करता है लेकिन मैदानी स्तर पर ऐसा नहीं हो पाता है।