मुलायम और साधना की लव स्टोरी …?

साधना ने मुलायम की मां को गलत इंजेक्‍शन लगने से बचाया तो नेताजी को प्यार हो गया…

मुलायम सिंह यादव की लव-स्टोरी 40 साल पहले सैफई के एक अस्पताल से शुरू हुई थी। नौ जुलाई 2022 को ये कहानी गुरुग्राम के एक अस्पताल में खत्म हो गई। मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का निधन हो गया है। आइए, आपको मुलायम और साधना की पूरी लव-स्टोरी बताते हैं।

ये कहानी शुरू होती है 40 साल पहले, यानी 1982 से…
देश में कांग्रेस टूट रही थी। UP में पिछड़ा वर्ग, खासकर यादवों का दबदबा बढ़ रहा था। मुलायम सिंह यादव तब सबसे ज्यादा चर्चा में थे। तब समाजवादी पार्टी नहीं थी। राष्ट्रीय लोकदल था।

उसी समय औरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की 23 साल की बेटी साधना गुप्ता नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थीं। वह राजनीति में कुछ करना चाहती थीं। वह राजनीतिक कार्यक्रमों में आती थीं।

उसी दरम्यान मुलायम की आंखें उससे टकराईं। तब क्या हुआ और क्या नहीं, सिर्फ एक ही शख्स जानता था। उनका नाम था- अमर सिंह। अब वह नहीं रहे।

ये तस्वीर एक समारोह की है। वहां मुलायम सिंह भी थे। लेकिन 2003 के पहले दोनों एक साथ नहीं आते थे।
ये तस्वीर एक समारोह की है। वहां मुलायम सिंह भी थे। लेकिन 2003 के पहले दोनों एक साथ नहीं आते थे।

सुनीता ऐरॉन की किताब में सामने आई मुलायम के रिलेशनशिप की डिटेल्स
एक जर्नलिस्ट और राइटर हैं, सुनीता ऐरॉन। इन्होंने अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ लिखी थी। इसमें कुछ पन्ने उन्होंने मुलायम की लव-स्टोरी पर खर्च किए थे।

सुनीता के मुताबिक, “शुरुआत में साधना और मुलायम की आम मुलाकातें हुईं। मुलायम की मां की वजह से दोनों करीब आए। मुलायम की मां मूर्ति देवी बीमार रहती थीं। साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की।”

गलत इंजेक्‍शन लगाने से रोकने पर इंप्रेस हुए मुलायम
सुनीता ऐरॉन लिखती हैं, “मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय साधना वहां मौजूद थीं और उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया। साधना की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी।”

2003 के बाद मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी मान लिया था। इसके बाद अपर्णा यादव ने दोनों को कई मौके पर साथ बिठाया।
2003 के बाद मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी मान लिया था। इसके बाद अपर्णा यादव ने दोनों को कई मौके पर साथ बिठाया।

मुलायम इसी बात से इम्प्रेस हुए और दोनों की रिलेशनशिप शुरू हो गई। तब अखिलेश यादव स्कूल में स्टूडेंट थे। दरअसल, साधना खुद नर्स रही हैं। उन्होंने शुरुआती दिनों में कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया है। इसलिए उन्हें इंजेक्‍शन का आइडिया था।

6 साल तक अमर सिंह ने मुलायम की लव-स्टोरी छिपाए रखी
साल 1982 से 1988 तक अमर सिंह इकलौते ऐसे शख्स थे जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है। उन्होंने किसी से कहा नहीं। आखिर, मुलायम के घर में उनकी पहली पत्नी मालती देवी और बेटे अखिलेश जो मौजूद थे।

साल 1988, तीन चीजें एक साथ हुईं

  1. मुलायम मुख्यमंत्री बनने की एकदम चौखट पर आ खड़े हुए।
  2. साधना अपने पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग रहने लगीं। उनकी गोद में एक बच्चा था।
  3. मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिला दिया।

विश्वनाथ चतुर्वेदी नाम के शख्स के चलते सबके सामने आई ये लव-स्टोरी
विश्वनाथ चतुर्वेदी इस कहानी में अजीब किस्म के कैरेक्टर हैं। इन्होंने कुछ ज्यादा नहीं किया। बस मुलायम की जिंदगी के जितने पन्ने दबे थे, उन्हें उखड़वा डाले। इन्होंने मुलायम के खिलाफ 2 जुलाई 2005 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया।

अपर्णा ने घर के अंदर की तस्वीरें भी कई बार जारी कीं। इसमें मुलायम साधना के साथ नजर आते हैं।
अपर्णा ने घर के अंदर की तस्वीरें भी कई बार जारी कीं। इसमें मुलायम साधना के साथ नजर आते हैं।

इसमें पूछा कि 1979 में 79 हजार रुपए की संपत्ति वाला समाजवादी करोड़ों का मालिक कैसे बन गया? सुप्रीम कोर्ट ने CBI से कहा, मुलायम की जांच करो।

जांच शुरू हुई। 2007 तक पुराने पन्ने खंगाले गए, नई रिपोर्ट लिखी गई। उनमें ये सब लिखा गया-

  • मुलायम की एक और बीवी और एक और बच्चा भी है।
  • आज से नहीं 1994 से।
  • 1994 में प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में अपने परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह का ऑफिशियल एड्रेस लिखा था।
  • मां का नाम साधना गुप्ता और पिता का एमएस यादव लिखा था।
  • 2000 में प्रतीक के गार्जियन के तौर पर मुलायम का नाम दर्ज हुआ था।
  • 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था।

सच तो ये है कि सही तरीके से साधना मुलायम की जिंदगी में आईं 1988 में और 1989 में मुलायम UP के CM बन गए। तब से वह साधना को लकी मानने लगे। पूरे पर‌िवार को बात पता थी।

कहता कोई नहीं था। अब जब सब कुछ सामने आ ही रहा था तब 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया।

इसमें लिखा था-
मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है।

ये तस्वीर मई 2019 की है। मुलायम के ठीक बाईं ओर सुनहरी साड़ी में साधना खड़ी हैं।
ये तस्वीर मई 2019 की है। मुलायम के ठीक बाईं ओर सुनहरी साड़ी में साधना खड़ी हैं।

साल 2019 के पहले मुलायम 23 साल तक लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग के सरकारी बंगले में रहे थे। लेकिन 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें बंगला छोड़ना पड़ा। तब वह साधना के साथ C-3/13 अंसल गोल्फ सिटी में शिफ्ट हो गए थे।

तब से वह अखिलेश यादव के परिवार के बजाय साधना के साथ ही रहते थे। 5 जुलाई 2022 को साधना को गुरुग्राम के मेदांता में भर्ती कराया गया। फेफड़े में संक्रमण था और 9 जुलाई 2022 को इस प्रेम कहानी का अंत हो गया।

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