ग्वालियर में तीन आटो जब्त, सात विद्यार्थी थे सवार, परमिट भी नहीं थे
चार से पांच विद्यार्थियों की ओवरलोडिंग की जा रही है। किराया भी प्रति विद्यार्थी 1200 से 1500 रुपये महीना लिया जा रहा है…
ग्वालियर । क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के उड़न दस्ते ने गुरुवार को 25 आटो चेक किए, जिनमें तीन ओवरलोड आटो जब्त किए। एक आटो में पांच से सात विद्यार्थी बैठे थे, जबकि दो के पास परमिट ही नहीं थे। आरटीओ द्वारा 20 जुलाई से बसों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल में पहुंचकर बसों में सुरक्षा के इंतजामों की पड़ताल की जाएगी। कार्रवाई से बचने के लिए 358 स्कूल बसों के संचालकों ने फिटनेस सर्टिफिकेट ले लिए हैं। अभी भी करीब 150 बसें शेष हैं, जिन्हें सर्टिफिकेट लेना है।
काेविड-19 के संक्रमण के चलते दो साल से स्कूल बंद थे। इस साल स्कूल खुले हैं, लेकिन बड़ी संख्या में स्कूल बसें कंडम हो गई थीं। इस कारण शहर के अंदर संचालित स्कूलों में आटो व वैन से बच्चे पहुंच रहे हैं। आटो में तीन बच्चे बैठाने की क्षमता है, लेकिन पांच से सात बिठाए जा रहे हैं। आटो चालकों ने अतिरिक्त बच्चे बिठाने के लिए लकड़ी की पट्टी लगा ली हैं। चार से पांच विद्यार्थियों की ओवरलोडिंग की जा रही है। किराया भी प्रति विद्यार्थी 1200 से 1500 रुपये महीना लिया जा रहा है। ओवरलोडिंग को देखते हुए उड़न दस्ते ने नदी गेट स्थित एएमआइ शिशु मंदिर के पास में आटो पर कार्रवाई की। एमपी07 आर 9328, एमपी07 आरए 8703, एमपी07 आरए 1954 को जब्त कर पड़ाव थाने में रख दिए गए। चेकिंग के दौरान 25 आटो चेक किए गए।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश अनुसार ये मानक जरूरीः
1- बस आपरेटरों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार कई मानक पूरे करने होंगे। इनमें बस के टायर अच्छे होना चाहिए। खिड़कियों पर जाली, अग्निशमक यंत्र, फर्स्ट एड बाक्स, सीसीटीवी कैमरे लगे होना चाहिए।
2- बसें स्कूल से अनुबंधित हैं, लेकिन आटो व वैन स्कूल से अनुबंधित होकर नहीं चल रही हैं। ई-रिक्शा भी अब स्कूलों के बच्चों का परिवहन करने लगे हैं। इसमें भी सात से आठ विद्यार्थियों को बिठाया जा रहा है।
वर्जन-
बस आपरेटरों की बैठक कर चुके हैं, उन्हें कमियों को दूर कर फिटनेस के निर्देश दिए हैं। यदि जिन बस आपरेटरों के पास फिटनेस प्रमाण-पत्र नहीं होगा, उनके खिलाफ 20 जुलाई से कार्रवाई का जाएगी। स्कूल में ही बसों की जांच होगी।
एसपीएस चौहान, आरटीओ