ग्वालियर महापौर चुनाव:डॉ. शोभा ने ग्वालियर पूर्व से ली सबसे ज्यादा लीड, सुमन चारों विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ीं

नोट:- मतगणना के बाद निर्वाचन द्वारा जारी ये आंकड़े अनंतिम हैं। इसमें विधानसभा वार आंशिक परिवर्तन संभावित है। - Dainik Bhaskar
नोट:- मतगणना के बाद निर्वाचन द्वारा जारी ये आंकड़े अनंतिम हैं। इसमें विधानसभा वार आंशिक परिवर्तन संभावित है।
  • पति विधायक डाॅ. सतीश के क्षेत्र से मिली 20 हजार वोटों की बढ़त रही निर्णायक….

इसी बढ़त ने जीत-हार के अंतर को भी बढ़ा दिया। वहीं, भाजपा की सुमन शर्मा का निवास भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है। इसके बावजूद वे मतदाताओं का समर्थन प्राप्त नहीं कर पाईं। खास बात यह रही कि वे चारों विधानसभा क्षेत्रों में पीछे रहीं। पढ़िए विधानसभा वार विश्लेषण…

जहां बढ़त भी मिली वहां मार्जिन रह गया कम

महापौर के चुनाव में तमाम वार्डों से मैं आगे रही हूं। लेकिन मैंने जिन वार्डों में बढ़त ली वहां मार्जिन काफी कम था। इसके विपरीत कांग्रेस ने जिन वार्डों में बढ़त ली, वहां उनका मार्जिन ज्यादा रहा। सुमन शर्मा, भाजपा प्रत्याशी महापौर

जानिए… कैसी रही वर्चस्व की लड़ाई

ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र: लगभग डेढ़ साल पहले हुए विस उपचुनाव में भाजपा ने 33123 वोटों के साथ जिले की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। लेकिन महापौर चुनाव में कांग्रेस ने यहां से लगभग साढ़े पांच हजार वोटों की लीड ली है। भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा के ससुर स्वर्गीय डॉ. धर्मवीर का यही कार्यक्षेत्र रहा। वे यहां से विधायक भी रहे। क्षेत्र के 21 में से 10 वार्डों में भाजपा के पार्षद जीते और इतने ही वार्डों में पार्टी की महापौर प्रत्याशी आगे रहीं।

दक्षिण विधानसभा क्षेत्र

भाजपा के अभेद्य गढ़ माने जाने वाले दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को विधानसभा के बाद निकाय चुनाव में भी झटका लगा है। यहां के 20 वार्डों में से 13 में भाजपा के पार्षद जीते हैं, जबकि महापौर प्रत्याशी को 11 वार्डों में ही बढ़त मिल सकी।

यहां से कांग्रेस ने लगभग ढाई हजार की बढ़त ली है। विस चुनाव में कांग्रेस के प्रवीण पाठक सिर्फ 121 वोट से जीते थे। सांसद विवेक शेजवलकर और पार्टी जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी अपने ही विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को जीत नहींं दिला पाए।

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