खाने की चीजों में लेबल नहीं, कॉमन सेंस काम आता है
फिर मैंने पूछा, ‘ओके, तो अब क्या प्लान है?’ और उसका जवाब था कि वो ब्रेड का नया पैकेट ऑर्डर कर देगी और इसे किसी पशु को खिला देगी। हमारी बात आगे बढ़ रही थी, ‘जो जानवरों के लिए अच्छा है, वो हमारे लिए भी अच्छा होगा।’ वह नाराज होकर थक गई और बोली, आप ही बताएं कि क्या करूं। तब मैंने कहा कि अपना कॉमन सेंस लगाओ। खाने-पीने की चीजें सूंघकर परखो।
तुम्हारी दादी किसी को भी खाना परोसने या खाने से पहले सूंघकर देखती थीं। उन दिनों दवाओं के पत्तों पर पीछे तारीख और साल की एक्सपायरी डेट छोड़कर बाकी किसी और सामान पर ‘यूज़ बाय डेट’ या ‘बेस्ट बिफोर डेट’ जैसे लेबल नहीं होते थे। बेटी से कुछ देर बात करने के बाद मुझे अहसास हुआ कि हममें से ज्यादातर लोग मानते हैं कि खाने की हर छोटी चीज को फ्रिज में रखने से वह खराब नहीं होगी। ये सच नहीं है।
चूंकि फ्रिज के अंदर शुष्क वातावरण होता है, ऐसे में ब्रेड जल्दी खराब हो सकती है, टमाटर का फ्लेवर जा सकता है, दानेदार हो सकते हैं। संतरे, नींबू की ऊपरी परत मुरझाने के साथ मोटी हो जाती है। कुछ लोग आलू भी फ्रिज में रख देते हैं, जिससे ये तेजी से पीकने लगते हैं क्योंकि स्टार्च शकर में बदलने लगता है और फ्लेवर बिगाड़ देता है।
आप जड़ों वाली सब्जियां जैसे गाजर, फूलगोभी को गीले कपड़े में लपेटकर बास्केट में रख सकते हैं, जिन्हें फ्रिज में रखने से कोई फायदा नहीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तारीख लिखने के मानकों का उद्देश्य अलग है। ‘यूज बाय’ का ठप्पा सुरक्षा से जुड़ा है और शायद इसलिए भी कि इस तारीख के बाद खाने से बीमार हो सकते हैं। शायद उनमें हानिकारक बैक्टीरिया पैदा हो जाते होंगे।
जबकि ‘बेस्ट बिफोर’ का मतलब गुणवत्ता से है, जहां सप्लायर को भरोसा होता है कि इस तारीख तक उस आइटम की मूलभूत गुणवत्ता पर असर नहीं होगा। पर कोई भी पेटेंट चीज दादी मांओं का मुकाबला नहीं कर सकती, जहां उनकी बनाई हर चीज शाम तक खत्म हो जाती थी और देर शाम के बाद रसोई में कोई चीज बच नहीं सकती थी, वो शायद इसलिए क्योंकि उन दिनों फ्रिज नाम की मशीन नहीं होती थी।
रसोई में इकलौती चीज बचती थी ‘पयया सादम’ (तमिल शब्द) मतलब ‘पुराने चावल’ को मिट्टी के पात्र में पानी में डुबोकर रातभर रखते थे। सुबह खमीर उठा चावल और वो पानी तड़का डालकर हम जैसे स्कूल जाने वाले बच्चों को मिर्ची-प्याज के साथ परोसते थे। सिर्फ एक चीज उस समय हमें नहीं बताई थी कि वो ‘अच्छे बैक्टीरिया’ शरीर के लिए कितने हेल्दी थे।
फ्रिज के आविष्कार के बाद हमारी पीढ़ी ने वो सब चीजें भुला दीं और आज वही डिश अमेरिका में 9 डॉलर प्रति लीटर में बिकती है और इस अच्छे बैक्टीरिया उत्पाद को लोग सुबह लाइन में लगकर खरीदते हैं। दिलचस्प रूप से इसमें भी ‘बेस्ट बिफोर’ तारीख डली होती है!
फंडा ये है कि खाने की कोई भी चीज फेंकने से पहले उसके लेबल पर न अटक जाएं, क्योंकि ज्यादातर यही चाहते हैं कि हम चीजें खरीदें और डेट देखकर फेंक दें। इसके बजाय कॉमन सेंस लगाएं।