30 करोड़ के फ्लायओवर की 3 महीने में धंसने लगी दीवार, लोगों ने नितिन गडकरी को किया ऐसा ट्वीट

भोपाल। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआई) के अधिकारियों और निर्माण कंपनी की मिलीभगत के चलते सात महीने पहले बनकर तैयार हुए राजधानी के सिंगारचोली स्थित फ्लायओवर ब्रिज की हालत पहली बारिश में ही जर्जर सी हो गई है। लालघाटी से एयरपोर्ट जाने वाली लेन के हिस्से में फ्लायओवर की सड़क धंसने लगी है, ब्रिज में पानी के कारण सीट ने मटेरियल को छोड़ दिया है। जिससे इसकी प्रीकास्टेड वाली फट रही है।

बड़े हादसे की आशंका को देखते हुए फ्लायओवर से यातायात रोक दिया गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिकायतों के बावजूद ब्रिज के निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार पर ध्यान नहीं दिया गया, इससे अब लोगों की जान पर बन आई है

लोगों ने दी जानकारी, तब एनएचएआई को लगी भनक

दरअसल, बीते दो दिनों से हो रही तेज बारिश के चलते ब्रिज पर पानी भर गया था। ब्रिज के नीचे सर्विस लेन भी पानी में डूबी रही। रहवासियों ने जब ब्रिज के आसपास पड़ताल की तो ब्रिज के कई हिस्सों से पानी का रिसाव मिला। वहीं ब्रिज की प्रिकास्टेड वाल टूटने की कगार पर पहुंच गई। जब इसकी जानकारी एनएचएआई के अधिकारियों को दी तो उन्होंने ब्रिज से तत्काल यातायात बंद कराया।ब्रिज निर्माण की घटिया गुणवत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गीला होने के बाद सीमेंट व मटेरियल हाथ लगाने से झड़ रहा है। यही कारण है कि पत्थर की सिल्लियों के जोड़ सिर्फ दो दिनों की बारिश में ही ढीले हो गए।

सेंटिग तक नहीं निकाली गई

ब्रिज निर्माण में लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बेस के मटेरियल को सेट करने के लिए लोहे की जिन सेंटिंग को लगाया गया था उन्हें अब तक नहीं निकाला गया। ब्रिज के नीचे निकलने वाले रास्ते के ठीक ऊपर यह सेंटिंग लगी हुई थी।

उधड़-उधड़ कर गिर रहा सीमेंट का हिस्सा

लेक पर्ल गार्डन से एयरपोर्ट की ओर ब्रिज का हिस्सा कई जगह से टूटा दिखाई दिया। ब्रिज के दोनों ही ओर की दीवारों के टुकड़े गिर गए हैं।

रोज 1 लाख वाहनों की आवाजाही

राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर बने इस फ्लायओवर से रोजाना करीब 1 लाख वाहन गुजरते हैं। इसके आसपास 20 कॉलोनियों में डेढ़ लाख से अधिक लोग भी रहते हैं।

कंटूर प्लानिंग भी नहीं की गई

ब्रिज निर्माण के दोनों ही ओर सड़कों पर पानी भर रहा है। लिहाजा हजारों की संख्या में रह रहे लोग सर्विस रोड का उपयोग ही नहीं कर पा रहे हैं। सिविल इंजीनियर बतातें है कि ऐसी स्थिति कंटूर प्लानिंग के तहत की जाती है। ब्रिज के आसपास पानी भरना यह बात साबित करता है कि प्लानिंग में कई खामियां है।

दिसंबर 2019 थी डेडलाइन

– 7 महीने पहले मई 2019 में पूरा हो गया था निर्माण

– 30 करोड़ की लागत से 700 मीटर लंबा बना ब्रिज

– फ्लायओवर निर्माण सिक्सलेन प्रोजेक्ट के तहत कराया गया

– 15 दिन पहले ही शुरु हुई थी दोनों लेन

ट्वीटर पर नितिन गडकरी से शिकायत

घटिया निर्माण कार्यों को लेकर रहवासियों ने सुबह से ही एनएचएआई के अधिकारियों को संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों ने मिलने से मना कर दिया। इसके बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को ट्वीटर पर फ्लायओवर की फोटो, वीडियो भेजकर घटिया निर्माण की शिकायत की है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *