21 साल का इतिहास …? आदिवासियों की 47 सीट और 22% आबादी के लिए भाजपा में संघ-संगठन-सरकार सक्रिय

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दो करोड़ आदिवासी वोटरों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अभी से ताकत लगानी शुरू कर दी है। भाजपा में तीन मोर्चे संघ, संगठन और सरकार सक्रिय हैं ताे कांग्रेस ने अपने आदिवासी नेताओं को मैदान में उतारा है।

अभी तक का गणित कहता है कि प्रदेश की इस 22% आबादी को जिसने साध लिया, सरकार उसी की बनती है। प्रदेश में अजजा के लिए आरक्षित 47 सीट हैं। इसके अलावा 35 सीट पर आदिवासी वोटर्स की संख्या 50 हजार से ज्यादा है। 82 सीट पर आदिवासी वोट अहम हैं।

भाजपा- सालभर के आदिवासियोें से जुड़े आयोजनों का कैलेंडर बनाया

भाजपा ने कांग्रेस सरकार को वर्ष 2003 में हिंदू संगम के बाद उखाड़ फेंका था। पार्टी ने 41 में से एकतरफा 37 सीट हथियाकर दो तिहाई बहुमत पाया था। भाजपा अब अजजा की आरक्षित 47 सीट में से 40 जीतने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। भाजपा ने सालभर के आयोजनों का कैलेंडर बनाया है। संघ लगातार सक्रिय है।

सीएम शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जल्द ही नियमित दौरे शुरू होंगे। मुख्यमंत्री 13 अगस्त को बैगा, सहरिया एवं भारिया हितग्राहियों के खाते में 23 करोड़ 35 लाख रुपए देंगे। योजना में प्रतिमाह 2 लाख 33 हजार 570 हितग्राहियों को एक-एक हजार रुपए आहार अनुदान मिलता है।

एक साल में भाजपा ने आदिवासी वर्ग में पैठ के लिए बड़े आयोजन किए। बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन हुआ। टंट्या मामा की शहादत दिवस पर अमृत महोत्सव मनाया। दो लाख आदिवासी भोपाल में एकत्र हुए। हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन किया। टंट्या मामा की प्रतिमा लगाई गई है।

कांग्रेस– आदिवासी नेताओं को मैदान में उतारा, नाथ पातालपानी जाएंगे

2018 में कांग्रेस ने अजजा के लिए आरक्षित 47 में से 31 सीट जीती थी। इस वोट बैंक को सहेजने के लिए कांग्रेस ने आदिवासी नेताओं की टीम गठित की है। आदिवासी कांग्रेस का अध्यक्ष ओमकार सिंह मरकाम को बनाया गया है। मरकाम प्रदेश के 89 में से अधिकांश ब्लॉक में पहुंच चुके हैं। उनका कहना है कि आदिवासी वर्ग की कभी भाजपा हितैषी नहीं रही, जबकि कांग्रेस ने कल्याण के कई कदम उठाए।

आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए मनमोहन सरकार ने 2006 में नियम बनाकर लागू किया, जिसे 16 साल बाद भी प्रदेश की भाजपा सरकार लागू नहीं कर पाई है। ये मुद्दे हम उठाएंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ 9 अगस्त को टंट्या मामा की जन्मस्थली पातालपानी जाएंगे।

कमलनाथ सरकार ने आदिवासियाें का साहूकारों से लिया गया कर्ज माफ करने की जो योजना बनाई थी, कांग्रेस सरकार आने पर उसके क्रियान्वयन का वादा पार्टी करेगी। दिग्विजय सिंह की दो बार सरकार बनाने में आदिवासियों की अहम भूमिका रही थी। 1993 में अजजा वर्ग की 52 और 1998 में 50 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *