केरल में मां-बेटे ने पास की PSC परीक्षा …

बेटे को पढ़ाने के लिए मां ने किताबें पढ़ीं, मोटिवेट होकर खुद भी तैयारी करने लगीं ….

केरल के मलप्पुरम में 42 साल की बिंदू और उनके 24 साल के बेटे विवेक ने एक साथ PSC की परीक्षा पास की है। रिजल्ट 3 अगस्त को घोषित हुआ। इसमें बिंदू ने लोअर डिविजनल क्लर्क (LDC) की परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल की, जबकि विवेक ने 92वीं रैंक के साथ लास्ट ग्रेड सर्वेंट्स (LGS) की परीक्षा पास की। बिंदू का यह चौथा अटेम्‍प्‍ट था, जिसमें उन्हें सफलता मिली।

विवेक ने बताया कि हम दोनों एक ही कोचिंग में पढ़ते थे, लेकिन मां आंगनबाड़ी में टीचर होने की वजह से केवल रविवार को ही कोचिंग जा पाती थीं। बिंदू ने बेटे को परीक्षा के लिए मोटिवेट किया। विवेक के पिता ने पढ़ने के लिए दोनों को सारी सुविधाएं दीं। बिंदू ने कहा शिक्षकों से बहुत प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि हम दोनों ने एक साथ पढ़ाई की लेकिन कभी सोचा नहीं था कि दोनों का एग्जाम क्वालीफाई हो जाएगा।

10 साल आंगनबाड़ी केंद्र में टीचर रह चुकी हैं बिंदू
बिंदू ने बताया कि जब विवेक 10वीं में था, तब उसे पढ़ाने के लिए वे किताबें पढ़ती थीं। इसी दौरान उन्हें केरल PSC की परीक्षा देने का विचार आया। उसके बाद से ही बिंदू और विवेक ने PSC की तैयारी शुरू कर दी। बिंदू 10 साल आंगनबाड़ी केंद्र में टीचर रह चुकी हैं। उन्हें 2019-2020 में बेस्ट आंगनबाड़ी टीचर का स्टेट अवॉर्ड भी मिल चुका है।

परीक्षा के 6 महीने पहले करती थीं पढ़ाई
उन्होंने कहा कि वह केवल परीक्षा के छह महीने पहले ही पढ़ती थीं। फिर वह अगले राउंड की घोषणा तक के लिए ब्रेक लेती थीं। इस वजह से वे पहले परीक्षा पास करने में असफल रही थीं। परीक्षा की तैयारी के दौरान दोस्त, बेटे और कोचिंग सेंटर के टीचर्स का सपोर्ट मिला, जिससे पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आई।

केरल में स्ट्रीम-2 पदों के लिए ऐज लिमिट 40
केरल में महिला स्ट्रीम -2 पदों के लिए ऐज लिमिट 40 है, लेकिन स्पेसिफिक कैटेगरी के लिए कुछ साल की छूट है। वहीं ओबीसी कैटेगरी में छूट तीन साल के लिए है। एससी- एसटी और विधवाओं के लिए यह छूट पांच साल के लिए है। इसके अलावा बोलने, सुनने और देखने में अक्षम लोगों के लिए 15 साल की छूट है। अन्य दिव्यांगों के लिए यह छूट 10 साल है।

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