MP में 304 करोड़ का डैम फूटने का खतरा …?

बांध से पानी का रिसाव जारी, धार-खरगोन के 18 गांव खाली कराए; एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर स्टैंडबाई…

धार में भरुडपुरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम में लीकेज के बाद पानी का रिसाव बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार सुबह बांध के एक तरफ की मिट्‌टी बह गई। इससे डैम की वॉल का बड़ा हिस्सा ढह गया। खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने डैम के आसपास के 18 गांव खाली करा लिए है। इनमें धार जिले के 12 और खरगोन के 6 गांव शामिल हैं। इससे करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।

डैम का पानी जिस नदी में जाएगा उस पर आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे-3 (AB रोड) का पुल है। हाईवे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की टीम तैनात है। वाहनों की आवाजाही कम कर दी गई है। इससे जाम के हालात बन गए। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए सेना के संपर्क में है। अपर मुख्य सचिव, गृह राजेश राजोरा ने बताया कि एयरफोर्स के 2 हेलीकॉप्टर और आर्मी की एक कंपनी तैयार है।

डैम में गुरुवार से ही रिसाव होने लगा था, जो अब और बढ़ गया। अब मरम्मत शुरू की गई है, लेकिन ऐहतियात के तौर पर गांवों को खाली भी कराया जा रहा है।
डैम में गुरुवार से ही रिसाव होने लगा था, जो अब और बढ़ गया। अब मरम्मत शुरू की गई है, लेकिन ऐहतियात के तौर पर गांवों को खाली भी कराया जा रहा है।

रिसाव बढ़ा तो गांवों तक पहुंचेगा पानी
बांध में शुक्रवार दोपहर से ही रिसाव शुरू हो गया था। तब से ही प्रशासन की टीम मौके पर है। आसपास के 18 गांवों में मुनादी कराकर लोगों को अलर्ट किया गया है। रिसाव अगर और बढ़ता है तो पानी गांवों तक पहुंच जाएगा। आसपास के रास्ते भी डूब जाएंगे।

डैम का पानी कराया जा रहा खाली
डैम के पानी को खाली करने की कोशिश भी की जा रही है। इसके लिए बांध के साइड से एक नहर निकाली जा रही है। पानी निकलने से बांध टूटने की स्थिति में बाढ़ का खतरा नहीं रहेगा। अधिकारियों का कहना है कि बांध निर्माणाधीन है, इसमें बारिश के कारण पहले ही पानी भर जाने के कारण ये हालात बने हैं। हालांकि अभी बांध फूटने जैसी स्थिति नहीं है। डैम का पानी निकालने के लिए 4 पोकलेन मशीने नहर बनाने के काम में लगी हुई हैं।

कारम नदी परियोजना के तहत इस डैम का निर्माण पिछले 4 साल से चल रहा है। डैम पूरी तरह बन जाने के बाद 52 गांवों में 10500 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।
कारम नदी परियोजना के तहत इस डैम का निर्माण पिछले 4 साल से चल रहा है। डैम पूरी तरह बन जाने के बाद 52 गांवों में 10500 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।

मरम्मत का काम भी तेजी से जारी
इंदौर के साथ भोपाल से विशेषज्ञों की टीम डैम को देखने पहुंची। डैम के गेट खोलकर पानी निकालने की तैयारी की जा रही है। मरम्मत का काम भी तेजी से शुरू हो चुका है। फिलहाल बारिश रुकी हुई है, लेकिन अगले कुछ घंटों में बारिश होती है तो हालात बिगड़ सकते हैं। इस लिहाज से अगले 10 घंटे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। लोगों को राहत शिविरों में शिफ़्ट किया गया है। NDRF, SDERF के साथ ही पुलिस, प्रशासन, होम गार्ड और राजस्व विभाग का अमला बचाव कार्य में लगा है।

4 साल से चल रहा डैम का काम
धार जिले में 304.44 करोड़ की लागत से कारम नदी पर डैम बनाया जा रहा है। कारम नदी परियोजना के लिए 4 साल से काम चल रहा है। डैम पूरी तरह बन जाने के बाद 52 गांवों की 10 हजार 500 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।

पानी रिसने की सूचना मिली तो डैम के पास भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने आसपास के रास्तों पर ट्रैफिक रोक दिया है। लोगों को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
पानी रिसने की सूचना मिली तो डैम के पास भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने आसपास के रास्तों पर ट्रैफिक रोक दिया है। लोगों को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

इन गांवों में अलर्ट
डैम का जल संग्रहण क्षेत्र 183.83 वर्ग किमी है। बांध की लंबाई 564 मीटर और चौड़ाई 6 मीटर है। जल भरण क्षमता करीब 43-98 मीट्रिक घन मीटर रखी जाएगी। अधिकारियों ने निरीक्षण करने के बाद कोठीदा, भारुडपुरा, इमलीपुरा, भांडाखो, दुगनी, डेहरिया, सिमराली, सिरसोदिया, डहीवर, लसनगांव व हनुमंतिया जैसे गांवों के लिए अलर्ट जारी किया है। इन गांवों में प्रशासन की टीम तैनात है।

इंदौर से 78 किमी दूर ट्रैफिक रोका
खलघाट से इंदौर रोड आने और इस रास्ते से जाने वालों के लिए इंदौर से 78 किमी दूर ट्रैफिक रोक दिया गया है। निर्माणाधीन कोरवा डैम की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। लीकेज की वजह से हादसा न हो जाए, इसलिए प्रशासन ने दोनों ओर का ट्रैफिक रोक दिया है। सबसे ज्यादा स्थिति मानपुर घाट के आगे और खलघाट के बीच गुजरी ग्राम में है। इस वजह से दोनों ओर कई किमी लंबा जाम लग गया है। हजारों वाहन और परिवार फंस गए हैं।

डैम से पानी रिसने के कारण निचले इलाकों के गांवों में खतरा है। ऐसे में प्रशासन 11 गांवों को खाली करा रहा है। लोगों को अलर्ट रहने के लिए मुनादी कराई गई है।
डैम से पानी रिसने के कारण निचले इलाकों के गांवों में खतरा है। ऐसे में प्रशासन 11 गांवों को खाली करा रहा है। लोगों को अलर्ट रहने के लिए मुनादी कराई गई है।

कमलनाथ का सरकार पर निशाना
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- 304 करोड़ की इस योजना में शुरू से ही स्थानीय ग्रामीण और जनप्रतिनिधि घटिया निर्माण की शिकायत कर रहे थे। शिकायतों की अनदेखी की गई। सरकार से मांग है कि जांच दल गठित कर इसकी जांच कराई जाए।

जल संसाधन मंत्री बोले- जांच कराएंगे
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने दैनिक भास्कर से कहा- मैं खुद मौके पर पहुंच रहा हूं। डैम की दो स्तर पर जांच होगी। एक प्रशासनिक अधिकारियों की टीम जांच करेगी, दूसरी टीम में तकनीकी विशेषज्ञ इसकी गुणवत्ता और निर्माण कार्य की जांच करेंगे।

बांध के लिए 8 गांवों की जमीन डूब में
ग्राम कोठीदा में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना का शिलान्यास एवं भूमिपूजन चार साल पूर्व तत्कालीन प्रभारी मंत्री अंतर सिंह आर्य ने किया था। इस परियोजना से आठ गांव की जमीन डूब में गई थी। करीब 8 से 11 हजार हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी मिलना था। डैम के निर्माण के समय से मुआवजा राशि काे लेकर समय-समय पर ग्रामीणों ने भूख हड़ताल तक की थी।

विधायक बोले- घटिया मटेरियल लगाया
धरमपुरी विधायक पांचीलाल मेड़ा मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों से चर्चा कर सभी को सुरक्षित स्थानों पर जाने काे कहा। मेड़ा ने कहा डैम निर्माण में घटिया सामग्री लगाई गई। पाल पर काली मिट्टी का भराव करने के बाद ठीक से दबाई नहीं। ग्रामीणों काे मुआवजा संबंधित समस्याओं व निर्माण काे लेकर कई बार मुद्दा उठाया था, लेकिन जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। कानूनी कार्रवाई काे लेकर विधानसभा में मामला उठाऊंगा।

खरगोन में भी डैम को लेकर अलर्ट

बाढ़ की आशंका के चलते खरगोन में नदी के किनारे बसे गांवों के लोग सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। यहां पूरी बस्ती के पानी में घिरने की आशंका है।
बाढ़ की आशंका के चलते खरगोन में नदी के किनारे बसे गांवों के लोग सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। यहां पूरी बस्ती के पानी में घिरने की आशंका है।

खरगोन जिले के महेश्वर तहसील की कारण नदी के किनारे बसे गांव में अलर्ट है। जिनमें मुख्य रूप से जलकोटा निचली बस्ती बड़वी नयापुरा ,कांकरिया, मोयदा, मेलखेड़ी, गढ़ी हैं। यहां पर डैम का पानी आमजन के साथ सम्पूर्ण बस्ती को प्रभावित कर सकता है। शुक्रवार सुबह से कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसपी धर्मवीर सिंह यादव समेत अधिकारी-कर्मचारी नदी किनारे की बस्ती को खाली कराने के लिए लोगों से सीधे बातचीत कर रहे हैं।

कई लोगों ने अपने मकान खाली कर अपने रिश्तेदारों के यहां और अन्य गांव की ओर पलायन शुरू भी कर दिया है। इधर, महेश्वर से धामनोद की ओर जाने वाले मार्ग को कारम नदी के पुल से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है।

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