गुना पुलिस-शिकारी मुठभेड़ की काली रात का सच …?

पुलिस की 10 गोलियों से एक शिकारी ढेर; शिकारी ने 7 राउंड फायर कर 3 पुलिसकर्मी मारे…

गुना में पुलिस-शिकारियों की मुठभेड़ में पुलिस ने 10 राउंड फायर किए थे। जबकि शिकारियों ने पुलिस पर 7 राउंड चलाए थे। लेकिन, इस मुठभेड़ में 10 राउंड फायर करने के बाद भी पुलिस केवल एक शिकारी को मार पाई। जबकि शिकारी सात राउंड से तीन पुलिस कर्मियों को मारकर फरार हो गए। यह खुलासा पुलिस-शिकारी मुठभेड़ मामले की जांच के आधार पर कोर्ट में पेश किए गए चालान में हुआ है, जो 10 अगस्त को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है। पुलिस ने घटनास्थल से कारसूत के 17 खाली खोके बरामद किए हैं। इनमें 9 एमएम की पिस्टल के 10 और 12 बोर की बंदूक के 7 खोके हैं।

उल्लेखनीय है 13-14 मई की दरम्यानी रात करीब 3 बजे आरोन के जंगल में काले हिरण का शिकार कर लौट रहे शिकारियों से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। पुलिस और शिकारियों की इस आमने-सामने की भिंड़त में आरोन पुलिस थाना के तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। चालान में घटना के प्रत्यक्षदर्शी और मामले के फरियादी आरक्षक प्रदीप रघुवंशी के बयानों के मुताबिक सब इंस्पेक्टर (एसआई) राजकुमार जाटव को जंगल में शिकारियों के मूवमेंट की जानकारी टीआई ने दी थी। एसआई जाटव को फोन पर सूचना दी गई थी कि कुछ बदमाश भादोर की तरफ से हिरणों का शिकार कर शहरोक की ओर से फतेहपुर की तरफ जा रहे हैं। TI की इसी सूचना पर सभी पुलिसवाले गैलोन के रास्ते पर पहुंचे। यहां पहुंचकर पुलिसकर्मियों ने अपनी-अपनी पोजीशन ले ली। कुछ देर बाद बताए गए रुट से शिकारी आये और पुलिस से उनकी आमने-सामने की मुठभेड़ हो गयी। गोलियों की तड़ातड़ आवाज से आसमान गूंज उठा। जब गोलियों की आवाज थमी, तब तक एसआई जाटव और उनके दो साथी शहीद हो चुके थे।

9 एमएम पिस्टल से 10 फायर

आरक्षक रघुवंशी के मुताबिक आरोपियों के सबसे करीब SI राजकुमार जाटव ही थे। उन्ही से शिकारियों का सीधा मुकाबला हुआ। SI जाटव के पास 9 एमएम की सरकारी पिस्टल थी। उन्होंने इसी पिस्टल से शिकारियों पर 10 राउंड फायर किए। मौके पर 10 राउंड के खाली खोल बरामद हुए हैं। दूसरी तरफ शिकारियों के पास 12 बोर की बंदूक थी। शहजाद ने इस बंदूक से ताबड़तोड़ 7 राउंड फायर किए। इन 7 राउंड के खाली खोल पुलिस को मिले।

7 राउंड में 3 पुलिसकर्मियों को मारा

तीन पुलिसकर्मियों की PM रिपोर्ट के मुताबिक तीनों की मौत गोली लगने से हुई है। आरक्षक संतराम मीना को 5 गोलियां लगीं। उनके शरीर से डॉक्टरों को 5 गोलियां बरामद हुई हैं। वहीं SI जाटव और आरक्षक नीरज भार्गव को एक-एक गोली लगीं। दोनों के शरीर में पुलिस को एक-एक गोली मिली हैं। इस तरह तीन पुलिसकर्मियों के शरीर से 7 गोलियां निकाली गई हैं। शिकारी शहजाद की 7 गोलियों ने तीन पुलिसकर्मियों की जान ले ली।

SI जाटव को जनता था शहजाद

चालान में खुलासा हुआ कि शिकारी शहजाद और नौशाद आरोन थाने के एसआई जाटव और अन्य स्टाफ को पहचानते थे। शहजाद और उसका भाई नौशाद रेत का कारोबार करता थे। जनवरी महीने में आरोन में रेत का अवैध परिवहन करते हुए उनके ट्रेक्टर पकड़े गए थे। जिन्हें छुड़ाने के लिए शहजाद और नौशाद दोनों थाने भी पहुंचे थे। इसी दिन उस बच्ची की सगाई का कार्यक्रम था, जिसकी शादी के लिए शिकार करने ये सभी गए थे। बच्ची के ससुर ने अपने कथन में बताया है कि शहजाद और नौशाद से इसलिए नहीं मिल पाए थे, क्योंकि ये दोनों अपना ट्रेक्टर छुड़वाने आरोन थाने गए हुए थे।

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