उम्मीदों पर पानी, बचा ली जिंदगानी
धार/भोपाल. धार जिले की कारम परियोजना के बांध से कहीं खुशी कहीं गम का आलम है। रिसाव होने के बाद बांध को खाली करने के लिए पाल (वॉल) को तोड़कर जहां से पानी छोड़ा जा रहा था, रविवार शाम 5.30 बजे उसका बड़ा हिस्सा पानी के तेज बहाव से ढह गया। नतीजन 304.44 करोड़ की परियोजना में 100 करोड़ से बनाई गई मिट्टी की मेड़ (पाल) पर पानी फिर गया। हालांकि राहत की बात यह है कि अब तेजी से पानी का बहाव हो रहा है। शाम 7 बजे तक बांध में 15.49 एमसीएम में से 2.93 एमसीएम पानी है। जलस्तर 297 से 283 मीटर पर आ गया है।
अब विस्थापित हुए 40 हजार लोगों के घर लौटने की आस बंध गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बांध का संकट टल गया है। 18 गांव के 14000 लोग गांव जाने की योजना बना सकते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव अपने घर में मनाएं। बचाव कार्य को लेकर सीएम पूरे समय एक्शन में रहे। उन्होंने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को फिर रिपोर्ट दी। अफसरों को राहत कार्यों के साथ ग्रामीणों के लिए भोजन आदि का प्रबंध करने कहा है। मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि डैम फूटने की खबर गलत और निराधार है। हालत सुधर रहे हैं।
कारम डैम से बहकर निकलता पानी।
सरकार ने युद्ध स्तर पर किए प्रयास
स रकार को 11 अगस्त की शाम तक बांध आपदा की सूचना मिल गई थी। विचार-विमर्श के बाद तय हुआ कि पानी की निकासी दूसरे रास्ते से करनी होगी, वरना 15 गांव और हाईवे बह जाएंगे। 12 अगस्त को पूरी रिपोर्ट सीएम को भेजी गई। 13 अगस्त से सीएम शिवराज ने मोर्चा संभाल लिया। 14 अगस्त को शाम करीब 7 बजे बांध के उसी हिस्से से पानी की निकासी हुई, जहां निकासी के लिए राह बनानी शुरू की थी।
सिचुएशन रूम से संभाला मोर्चा
सीएम शिवराज शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 3 बजे तक सिचुएशन रूम में मॉनीटरिंग करते रहे। रविवार सुबह 6 बजे से निवास से जानकरी ली। सुबह 11 बजे फिर सिचुएशन रूम पहुंचे। यहां गृह विभाग के एसीएस राजेश राजौरा से अपडेट ली।
जनता की जिंदगी की सुरक्षा प्राथमिकता पर है। मनुष्यों के साथ मवेशियों को नुकसान नहीं पहुंचे, यह भी सुनिश्चित किया है। गांवों में भी नुकसान न हो, इसके निर्देश दिए हैं। – शिवराज सिंह चौहान, सीएम