किडनैंपिग के आरोपी हैं बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह, सरेंडर वाले दिन ही ली शपथ, नीतीश बोले-मुझे जानकारी नहीं

Bihar Law Minister Kartikeya Singh: बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार में राजद के एमएलसी कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया है। कार्तिकेय सिंह के शपथ ग्रहण के बाद ही उनके बारे में एक अहम खुलासा है। वो अपहरण के मामले में आरोपी है। अब इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

 बिहार में महागठबंधन सरकार की मंत्रिमंडल गठन के एक दिन बाद ही एक बड़ा खुलासा हुआ है। बिहार की नई सरकार में जिसे कानून मंत्री बनाया गया है उनपर अपहरण का केस चल रहा है। इससे भी बड़ी रोचक बात यह है कि जिस दिन इस केस में बिहार के नए कानून मंत्री को कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन उन्होंने राज्य में कानून मंत्री की शपथ ली। मालूम में बिहार की नई सरकार में राजद के खेमे से कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया है। जिनपर अपहरण का मामला चल रहा है।

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Bihar Law Minister Kartikeya Singh Accused in kidnapping case

कार्तिकेय सिंह बिहार में छोटे सरकार के नाम से मशहूर बाहुबली नेता और राजद के पूर्व विधायक अनंत सिंह के करीबी है। उन्हें लोगों कार्तिक मास्टर के नाम के पुकारते हैं। मिली जानकारी के अनुसार 2014 में राजीव रंजन नामक एक शख्स का अपहरण हुआ था। राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है।

कार्तिकेय ने न तो सरेंडर किया न जमानत की अर्जी लगाई

राजीव रंजन के अपहरण केस में कार्तिकेय सिंह ने ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है। इस केस में कल यानि की 16 अगस्त को इन्हें कोर्ट में पेश होना था। लेकिन वो पटना में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। कार्तिकेय सिंह के बारे में हुए इस खुलासे के बाद भारतीय जनता पार्टी महागठबंधन सरकार पर आक्रमक हो गई है। बीजेपी ने इसे जंगलराज की वापसी बताया है। वहीं अब इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।

एमएलसी चुनाव में जदयू उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को दी थी मात

मालूम हो कि कार्तिकेय कुमार ने एमएलसी चुनाव में जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को मात दी थी। तब जदयू में वाल्मीकि सिंह को विधान परिषद का टिकट देने की बात चल रही थी तभी अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा था कि कार्तिकेय सिंह की जीत की गारंटी वे लेते हैं।

कहा जाता है कि अनंत सिंह के लालू प्रसाद ने बतौर एमएलसी उम्मीदवार कार्तिकेय के नाम की घोषणा खुद से की थी। जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिकेय को जितवा दिया। कार्तिकेय को अनंत सिंह के समर्थक ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से जानते हैं। वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थी। जिसके बाद हर चुनाव में कार्तिकेय ने अनंत सिंह के लिए रणनीतिकार की भूमिका निभाई।

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