जम्मू-कश्मीर और लद्दाख …? स्थायी निवासी नहीं होने पर भी बन सकेंगे मतदाता, निर्वाचन अधिकारी ने दी जानकारी
मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार ने कहा, 15 सितंबर को समग्र मतदाता सूचियों का मसौदा प्रकाशन होगा। 15 से 25 सितंबर तक आपत्तियां व दावे दर्ज किए जाएंगे। दस नवंबर तक दावों और आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा और 25 नवंबर 2022 को नई मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन हो जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के तहत मतदाताओं की संख्या में 20 से 25 लाख की बढ़ोतरी संभव है। प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार सिंह के दावे के अनुसार मतदाताओं की संख्या वर्तमान में 76 लाख से बढ़कर एक करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। चुनाव विभाग की तरफ से इस सिलसिले में मतदाता सूचियों में विशेष सारांश संशोधन का काम 15 सितंबर से शुरू होगा।
निर्वाचन भवन जम्मू में बुधवार को पत्रकार वार्ता में सिंह ने कहा, जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 की समाप्ति और फिर राज्य का पुनर्गठन कर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने और परिसीमन आयोग के कार्य के चलते मतदाता सूचियों का विशेष सारांश संशोधन का काम नहीं हो पाया।
करीब चार साल के बाद मतदाता सूचियों में विशेष सारांश संशोधन करने की मंजूरी चुनाव आयोग की तरफ से दी गई है। ऐसे में बड़ी संख्या में नए मतदाता बनेंगे। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है और लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में कुछ न कुछ बदलाव हुआ है।
ऐसे में चुनाव विभाग ने विशेष सारांश संशोधन को शुरू करने से पहले की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र स्तर पर चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति का काम भी पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा, विशेष सारांश संशोधन में बूथ स्तर के अधिकारी घर घर जाकर मतदाता सूचियों को तैयार करने का काम करेंगे।