महापंचायत करने को इसलिए मजबूर हुए किसान, इन 9 मांगों का पूरा होना है बाकी
किसान आंदोलन खत्म करने के दौरान किसानों की कुछ मांगें थीं, जिन पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है. उन्हीं मांगों को लेकर दिल्ली में आज किसान महापंचायत कर रहे हैं.
दिल्ली के जंतर-मंतर पर आज किसानों का प्रदर्शन जारी है. वो एक दिन की महापंचायत कर रहे हैं. इस धरने में किसानों के तकरीबन 40 संगठन हिस्सा ले रहे हैं. किसान नेता शिवकुमार कक्का इसकी अगुवाई कर रहे हैं. सबसे अहम बात यह है कि किसान आंदोलन के बड़े चेहरे राकेश टिकैत, राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्लाह और योगेंद्र यादव इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं. इस महापंचायत के लिए सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली से लगे 3 बॉर्डर- गाजीपुर, सिंघू और टिकरी पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसानों की ये महापंचायत बुलाई गई है. इसमें किसान नेता इस बात की समीक्षा करेंगे कि किसान आंदोलन की वापसी के वक्त केंद्र सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे उन पर कितना अमल हुआ? जिसमें एमएसपी गारंटी कानून लागू का भरोसा भी शामिल था. कक्का ने TV9 भारतवर्ष से कहा कि एमएसपी की गारंटी कानून को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई है. एमएसपी गारंटी कानून को लेकर केंद्र सरकार के रुख से किसानों में भारी निराशा और आक्रोश है. किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. सुबह 11:00 बजे से लेकर शाम के 4:00 बजे तक ये महापंचायत दिल्ली के जंतर मंतर पर होगी. जिसके बाद किसान किसान नेताओं की तरफ से सभी मांगों पर आधारित एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा.
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एमएसपी की गारंटी दी जाए. एमएसपी की गारंटी को कानूनी रूप दिया जाए
- लखीमपुर खीरी नरसंहार कांड के पीड़ितों को इंसाफ मिले. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी हो. उन किसानों को रिहा किया जाए, जो 9 महीनों से जेल में हैं.
- देश के सभी किसानों के सभी तरह के ऋण माफ किए जाएं
- बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द किया जाए
- गन्ना के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी हो और गन्ना की बकाया राशि का भुगतान किया जाए
- भारत को WTO से बाहर आना चाहिए और सभी व्यापार समझौतों को कैंसिल करना चाहिए
- किसान आंदोलन के वक्त किसानों पर लगाए गए सभी तरह के मुकदमों की वापसी हो
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बकाया राशि का भुगतान तुरंत हो
- अग्निपथ योजना को रद्द किया जाए