निगम में सबसे बड़ा बदलाव सीवर संधारण की जिम्मेदारी संभाल रहे राजेंद्र भदौरिया और संजय सोलंकी के पदों से मुक्त करने का रहा है।
ग्वालियर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के साथ शुक्रवार को हुई बैठकों में नगर निगम की खूब फजीहत हुई। इसका असर शनिवार शाम को देखने को मिला। नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल ने कार्य सुविधा की दृष्टि का हवाला देकर नगर निगम में लंबे समय पर प्रमुख पदों पर जमे अफसरों का कद घटा दिया या फिर निलंबित कर दिया। लंबे से पार्क अधीक्षक रहे मुकेश बंसल से नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी लेकर उन्हें सब इंजीनियर रोहित तिवारी अधीन काम करने का आदेश जारी कर दिया। इसी प्रकार अजीत जैन को शहर की सड़कों के गढ्डे न भर पाने पर पैच रिपेयरिंग की जिम्मेदारी तनुजा वर्मा को सौंप दी। सबसे बड़ा बदलाव सीवर संधारण की जिम्मेदारी संभाल रहे राजेंद्र भदौरिया और संजय सोलंकी के पदों से मुक्त करने का रहा। यह कार्य अब जागेश श्रीवास्तव को सौंपा गया है। भदौरिया दिल्ली के मंत्री के करीबी बताए जाते हैं, इसलिए वे निगम अफसरों की सुनते तक नहीं।
वाट्सएप ग्रुप पर टिप्पणी से मामला गर्मायाः
सीवर सेल का काम संभाल रहे इंजीनियर ने नगर निगम के अधिकारिक वाट्सएप ग्रुप पर इसकाे लेकर एक पाेस्ट किया, जिससे खलबली मच गई। इस पाेस्ट में अमृत याेजना में भ्रष्टाचार की बात कही गई है। साथ ही ये भी इशारा किया कि गलत काम करने काे वह तैयार नहीं हुए, इसलिए उनकाे हटा दिया गया। इसके अलावा निगमायुक्त काे भी जांच के लिए तैयार रहने की बात कही गई है। शनिवार काे शहर में यह प्रशासनिक फेरबदल खासा चर्चाओं में रहा है।
शिकायतें बढ़ने पर लिया निर्णयः
नगर निगम अब सीवर, सफाई और स्ट्रीट लाइट की शिकायताें काे लेकर काफी गंभीर है। काफी समझाइश के बाद भी जब सुधार नहीं हुआ ताे अब अधिकारियाें के प्रभार हटाए गए हैं और दूसरे अधिकारियाें काे जिम्मेदारी साैंपी गई है। जिससे की व्यवस्थाओं में सुधार हाे सके।