ग्वालियर ऐसी सड़क जो है तो 100 फीट की लेकिन अतिक्रमण से बची सिर्फ 10 से 15 फीट

शहर के तीनों उपनगरों में सबसे ज्यादा अव्यवस्थित मुरार के बारादरी, सदर बाजार, अस्पताल रोड सहित अन्य चौराहों और तिराहों को बेहतर करने के लिए जिला प्रशासन…

ग्वालियर. शहर के तीनों उपनगरों में सबसे ज्यादा अव्यवस्थित मुरार के बारादरी, सदर बाजार, अस्पताल रोड सहित अन्य चौराहों और तिराहों को बेहतर करने के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम, यातायात और पुलिस की संयुक्त प्लाङ्क्षनग फेल साबित हुई है। यहां व्यवस्था सुधारने के लिए चार साल में पांच बार प्लान बनाए गए, फिर भी सड़क पर लगने वाले जाम से लोग त्रस्त हैं। 80 से 100 फीट चौड़ी सड़क पर चलने के लिए बमुश्किल 15 से 20 फीट जगह बची है। सदर बाजार में तो हाल यह है कि अस्थाई अतिक्रमक के कारण वाहनों के निकलने के लिए सड़क सिर्फ 10 से 15 फीट ही बचती है। मुरार में यातायात को सही करने के लिए जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी, वे नेताओं के दबाव में हैं। जब अधिकारी कार्रवाई करने जाते हैं, तो नेताओं के दबाव में कार्रवाई नहीं हो पाती है।

ये हैं जिम्मेदार, जिनकी वजह से बिगड़ी है व्यवस्था
जिला प्रशासन – मुरार क्षेत्र के बारादरी चौराहा, अस्पताल रोड, सदर बाजार सहित अन्य चौराहों को जाम से निजात दिलाने के लिए योजना बनी थी। इसे लागू कराने की जिम्मेदारी कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम ङ्क्षसह, एडीएम डॉ इच्छित गढ़पाले, एसडीएम अशोक चौहान और तहसीलदार की है। इन अधिकारियों ने जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभाया।
पुलिस – एसपी अमित सांघी, एएसपी अभिनव चौकसे, डीएसपी विक्रम ङ्क्षसह कनपुरिया ने व्यवस्था बनाने में सही तरीके से रुचि नहीं ली। इसके अलावा लॉ एंड ऑर्डर संभालने वाले क्षेत्रीय सीएसपी और टीआइ भी जिम्मेदार हैं। इन्होंने नियम तोडऩ वालों तक यातायात सुधार के लिए किए जा रहे काम का मैसेज नहीं पहुंचाया।
निगम – नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल, अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता, यातायात प्रभारी सुरेश अहिरवार खराब व्यवस्था को लेकर सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। इन अधिकारियों को शहर के बाजार के फुुटपाथ और सड़कों को मुक्त कराना था। हाथठेला चालकों को हॉकर्स जोन में भेजना था, लेकिन इन्होंने अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभाया। बाजारों को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए की गई नगर निगम की प्लाङ्क्षनग सिर्फ बैठकों तक सीमित रह गई है।
यातायात – सभी चौराहों, तिराहों और बाजारों के प्रवेश और निकास को फ्री रखने की जिम्मेदारी यातायात विभाग के डीएसपी विक्रम ङ्क्षसह कनपुरिया की है। विभाग के जवान चौराहों और तिराहों पर कभी भी व्यवस्था को बेहतर करते नहीं दिखते। टेंपो चालक इनके सामने ही सारे नियम तोड़ते हैं और सफेद वर्दी में खड़े जवान सिर्फ तमाशबीन बने रहते हैं।
ये भी बराबर के जिम्मेदार
मुरार में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए प्रशासन, पुलिस और नगर निगम ने जब भी कार्रवाई की है, अधिकतर समय भाजपा नेता और बीज निगम अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल कार्रवाई के विरोध में खड़े रहे हैं। बाजार में अतिक्रमण हटवाने की बजाय इन्होंने दुकानदारों का पक्ष ही लिया। इस वर्ष अभी तक क्षेत्र में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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