कानपुर नगर निगम पर 70 लाख जुर्माना

गंगा और पांडु नदी में सीवेज रोकने में नाकाम; 3 महीने तक पॉल्यूशन बोर्ड ने की निगरानी

3 महीने तक बोर्ड ने की निगरानी
यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यानि UPPCB के कानपुर आरओ इंजीनियर अमित मिश्रा ने लखनऊ स्थित बोर्ड मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में हर महीने 5 लाख रुपए की दर से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के तौर पर कुल 70 लाख रुपए जुर्माना लगाने की संस्तुति की है। बोर्ड ने 3 महीने तक लगातार गंगा और पांडु नदी में गिर रहे 6 नालों की निगरानी की और नगर निगम की लापरवाही को उजागर किया।

क्या है बायोरेमिडेशन पद्धति
बायोरेमिडेशन प्रक्रिया में नालों के पानी को कई जगह रोक-रोक कर नदी में डाला जाता है। इसको साफ करने के लिए पानी में ऑक्सीजन बढ़ाने वाले केमिकल डाले जाते हैं। इसके अलावा अन्य केमिकल भी मिलाए जाते हैं जो बैक्टीरिया पैदाकर गंदगी नष्ट करते हैं। इससे गंगा के पानी में डिजाल्वड ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है।

इन नालों के गंगा में गिरने पर कार्रवाई
रानीघाट नाला : पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक 4 जुलाई से 22 अगस्त तक जांच में नगर निगम द्वारा इस नाले पर बायोरेमिडिएशन नहीं किया जा रहा था। ऐसे में 5 लाख रुपए प्रति माह की दर से 10 लाख रुपए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का जुर्माना लगाया गया है।

शीतला बाजार नाला : 1 जून से 22 अगस्त तक जांच की गई तो शीतला बाजार नाले की टैपिंग टूटी मिली। इसको 3 महीने के दौरान भी नहीं बनाया गया। ऐसे में रोजाना करीब 2 करोड़ लीटर प्रदूषित पानी गंगा में समाया। 15 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।

बुढ़ियाघाट नाला : ये नाला टैप है, लेकिन इसकी टैपिंग टूटी पाई गई, इसे नगर निगम द्वारा बनाया नहीं गया। 1 जून से 22 अगस्त तक रोजाना गंगा में नाले के माध्यम से प्रदूषित पानी गया। ऐसे में 15 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया।

पनकी थर्मल नाला : पनकी थर्मल नाला सीधे गंगा की सहायक नदी पांडु नदी में गिर रहा है। यहां कोई टैपिंग और सीवेज पंपिंग स्टेशन भी नहीं बना है। ऐसे में सीवेज सीधे पांडु नदी में गिर रहा है। यहां बायोरेमिडिएशन का कार्य भी नगर निगम द्वारा नहीं किया जा रहा है। 10 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया।

ICI नाला : पनकी औद्योगिक क्षेत्र और आवासीय क्षेत्र का सीवेज नाले के जरिए पांडु नदी में गिर रहा है। 4 जुलाई से नाले पर बायोरेमिडिएशन का कार्य भी बंद है। इस पर 10 लाख रुपए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति नगर निगम पर लगाई गई है।

रतनपुर नाला : पनकी रतनपुर नाले से रतनपुर क्षेत्र और आसपास क्षेत्र का सीवेज पांडु नदी में गिर रहा है। 4 जुलाई से नाले पर बायोरेमिडिएशन भी नहीं किया जा रहा है। नगर निगम की इस लापरवाही पर 10 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।

गंगा को निर्मल करने में हुए खर्च हुए 1810 करोड़

परियोजना खर्च
इंडो डच परियोजना 166 करोड़
JNNURM सीवेज योजना 1-746 करोड़
JNNURM सीवेज योजना 2-423 करोड़
नमामि गंगे के तहत सीसामऊ नाला सहित 6 नालों की टैपिंग 57 करोड़
नवाबगंज से जाजमऊ तक गंगा किनारे 34 वार्डों में पंपिंग स्टेशन 418 करोड़

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