कानपुर कमिश्नरेट और आउटर की खाकी पर दाग ..!

वसूली और चोरी जैसे गंभीर आरोप, फिर भी कार्रवाई की बजाए हो जा रहे माफ …

कानपुर पुलिस कमिश्नरेट और आउटर में खाकी पर दाग पर दाग लग रहे, लेकिन एक भी मामले में पुलिस कमिश्नर या एसपी आउटर ने सख्त कार्रवाई नहीं की। लाइन हाजिर और सस्पेंशन करके पल्ला झाड़ लिया। जबकि आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ लूट, वसूली और चोरी के पर्याप्त साक्ष्य थे। लेकिन जांच के नाम पर मामलों को दबा दिया गया। जबकि आरोपी पुलिस कर्मियों को साक्ष्य के आधार पर एफआईआर दर्ज करके जेल भेजा जा सकता था। लेकिन अफसरों ने ऐसा नहीं किया। पढ़ें दागी पुलिस कर्मियों पर अफसरों की मेहरबानी की खास रिपोर्ट…।

केस-1: बिधनू में वसूली नहीं देने पर नाबालिगों को हवालात में डाला

बिधनू के कठेरुआ गांव निवासी महेंद्र कुशवाह हाईवे पर गाड़ियों का वाशिंग सेंटर है। 9 सितंबर की रात खड़ेसर चौकी में तैनात दारोगा सौरभ कुमार और सिपाही प्रवीण कुमार धुलाई सेंटर को अवैध बताकर वसूली मांगी। विरोध करने पर दोनों ने महेंद्र को जमकर पीटा। एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह से पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई तो फिर से दरोगा सौरभ, अनूप कुमार और कांस्टेबल प्रवीण ने महेंद्र के घर मंगलवार रात को फिर निजी कार

से छापा मारा। इसके बाद महेंद्र को जमकर पीटा और उनके दोनों बच्चों को पीटते हुए थाने उठा ले गए और हवालात में डाल दिया था। एसपी आउटर ने तीनों पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया। जबकि मामले में पुलिस कर्मियों के खिलाफ महेंद्र ने रंगदारी मांगने की तहरीर दी थी, लेकिन दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई।

केस-2: तीन ट्रेनी दरोगाओं ने व्यापारी के घर छापेमारी कर की लूटपाट

बिधनू थाने में तैनात दरोगा दीपक कुमार, मोहित राणा और कुशलवीर राठी ने 4 सितंबर की रात हंसपुरम नौबस्ता निवासी मसाला कारोबारी सनी राजपूत के घर में घुस गए थे। सनी ने आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों ने नकदी व मोबाइल लूट लिया। तीनों के घर में घुसने और लूटपाट का पूरा वाक्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। कारोबारी ने तीनों पर मारपीट व अभद्रता का आरोप लगाते हुए डीसीपी साउथ को तहरीर भी दी थी। एडीजी की

फटकार के बाद एसपी आउटर ने तीनों ट्रेनी दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया। लेकिन कानून के मुताबिक तीनों के खिलाफ लूट की धारा में एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन सीसीटीवी जैसे मजबूत साक्ष्य होने के बाद भी पुलिस अफसरों ने ऐसा नहीं किया।

केस-3: विजलेंस जांच के बाद भी घाटमपुर सीओ चार्ज पर

सीओ घाटमपुर टीबी सिंह के बेटे के खिलाफ श्याम नगर निवासी एक महिला ने छेड़खानी की तहरीर दी थी। इससे झल्लाए सीओ ने गवाही देने वाले श्याम नगर निवासी प्रॉपर्टी डीलर रेशू यादव के खिलाफ बिधनू थाने में एफआईआर दर्ज करावा दी। इतना ही नहीं जिन मामलों में रेशू को क्लीनचिट मिल चुकी थी, उन मामलों की भी जांच दोबारा शुरू कर दी। इसके बाद रेशू ने आईजी कानपुर रेंज प्रशांत कुमार से सीओ की शिकायत दर्ज

कराई। इसके साथ ही सीओ की बिधनू न्यू आजाद नगर में बन रही करोड़ों की मार्केट, महाराजपुर में फॉर्म हाउस और बंगला बनने के साक्ष्य दिए थे। इसके बाद से सीओ की विभागीय और विजलेंस जांच शुरू हो गई। लेकिन इसके बाद भी सीओ को चार्ज से हटाया नहीं गया।

केस-4: दरोगा-सिपाही ने मिल से चुराया लाखों का माल

ग्वालटोली थाना क्षेत्र की एल्गिल मिल से 14 अगस्त की शाम को चोरी करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था। ग्वालटोली थाने के सिपाही अनुज चौधरी और विकास भी वायरल वीडियो में ई-रिक्शा से जा रहे चोरी के माल के साथ दिख रहे थे। मामले की शिकायत मिलने पर दोनों सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। शिकायत करने वाले ने बताया कि दरोगा और सिपाही इसी तरह मिल से लाखों का कबाड़ बेच चुके हैं।

जबकि दरोगा दिनेश तलान की भूमिका संदिग्ध मिली। चोरी का वीडियो सामने आने के बाद भी मामले में सिर्फ लाइन हाजिर और जांच का हवाला देकर अफसरों ने पल्ला झाड़ लिया। जबकि चोरी के मामले में आरोपी सिपाहियों पर एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जा सकती थी। मामले में अभी तक विभागीय कार्रवाई भी नहीं हो सकी है।

केस-5: हिरासत में हुई थी महिला की मौत, इंस्पेक्टर को मिला इनाम

नवाबगंज पुलिस 8 मई को उन्नाव निवासी सुदामा व उसकी नाबालिग बेटी को चोरी की शिकायत के मामले में थाने ले आई थी। महिला पर एफआईआर भी दर्ज नहीं थी। देर रात तक थाने में पूछताछ करने के बाद अवैध तरीके से सुदामा व किशोरी को आशा ज्योति केंद्र में दाखिल करवा दिया गया था। दूसरे दिन सुबह केंद्र परिसर के बाथरूम में सुदामा का शव फंदे से लटकता मिला था। मामले में विभागीय व मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश हुए थे लेकिन चार महीने बाद भी विभागीय कार्रवाई नहीं हुई। जांच तक ही कार्रवाई सिमट के रह गई। इधर पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी रहे आशीष द्विवेदी को गोविंद नगर थाना प्रभारी बनाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।

-पुलिस कर्मियों पर भ्रष्टाचार से लेकर चोरी, लूट समेत अन्य गंभीर मामलों की जांच के लिए दोबारा आदेश किया गया है। जल्द ही जांच पूरी होते ही सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-बीपी जोगदंड, पुलिस कमिश्नर कानपुर

-आउटर के थानों से जुड़े भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की विभागीय जांच की जा रही है। किसी ने तहरीर नहीं दी, इसके चलते एफआईआर दर्ज नहीं हाे सकी। जांच के बाद दोषी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-तेज स्वरूप सिंह, एसपी आउटर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *