नोएडा में 87 गांवों की जमीन पर बनेगा DNGIR …?

प्रदेश का सबसे बड़ा होगा इन्वेस्टमेंट रीजन, 20 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा….

नोएडा बुलंदशहर व दादरी के 87 गांवों की जमीन पर दिल्ली नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR) बसाने की तैयारी है। इसे औद्योगिक निवेश के लिए बसाया जा रहा है। यही वजह है कि यहां 20 हजार हेक्टेयर लैंड के 41 प्रतिशत हिस्से में औद्योगिक गतिविधियां की जाएंगी।

DNGIR का 2041 मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट की थी। इस कंपनी ने मास्टर प्लान भेजा है। उसमे तकनीकी स्तर पर कुछ कमी है। अब इसमें एक नई एजेंसी या प्राधिकरण अपने स्तर पर ही इस मास्टर प्लान को पूरा करेगा। इसे आगामी बोर्ड में रखा जाएगा।

प्राधिकरण के बोर्ड रूम में समय-समय पर होती है DNGIR की बैठक
प्राधिकरण के बोर्ड रूम में समय-समय पर होती है DNGIR की बैठक

इस तरह से डिवाइड किया गया DNGIR

  • इसमें 41 प्रतिशत में औद्योगिक निवेश
  • 11.5 प्रतिशत आवासीय
  • 17 प्रतिशत हरियाली और रिएक्शनल
  • 15.5 प्रतिशत में सड़क
  • 9 प्रतिशत संस्थागत और 4.5 प्रतिशत स्थान व्यावसायिक
सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक कार्यालय
सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक कार्यालय

87 गांवों को किया गया है शामिल…

DNGIR का फाइनल ड्राफ्ट पूरा होते ही गौतमबुद्ध नगर व बुलंदशहर के 87 गांव की जमीन लैंडपूल की जाएगी। शासन की तरफ से 80 गांव के नोटिफिकेशन में 60 गांव बुलंदशहर व 20 गौतमबुद्ध नगर के शामिल थे। एसपीए ने जब मास्टर प्लान बनाने के लिए सर्वे शुरू किया तो पाया कि 5 गांव थोड़ा दूर पड़ रहे हैं और 12 गांव नजदीक हैं और शामिल भी किए जा सकते हैं। ऐसे में सात नए गांव और शामिल किए गए।

अर्जेंसी क्लाज नहीं लैंडपूल के जरिए अधिग्रहीत होगी जमीन….
नोएडा को 19 हजार 600 हेक्टेयर जमीन बसाया गया। यहां की जमीन अर्जेंसी क्लाज के तहत अधिग्रहीत की गई। इसलिए यहां अब तक जमीन से जुड़े मामलों का निस्तारण किया जा रहा है। ये समस्या DNGIR में न आए इसके लिए यहां किसानों से लैंडपूल की जाएगी।

क्या होता है लैंडपूल समझे…

  • लैंड पूल नीति के तहत भू-स्वामी को 5 वर्ष तक अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक क्षतिपूर्ति के आधार पर मुआवजा 5000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह दिया जाएगा।
  • योजना के तहत पूलिंग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को ही आवंटित किया जाएगा। विकसित भूमि का 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा का प्रयोग कर सकेंगे
  • लैंड पूल नीति में बाई-बैक का प्रावधान नहीं होगा। आवंटित भूमि पर मास्टर प्लान, बिल्डिंग बॉयलॉज , स्वीकृत जोनल प्लान लीज डीड की शर्तें मान्य होंगी।
  • विकसित भूखंडों पर बेस्ट यूटिलिटी का प्रावधान किया जाए।
अबुधामी की तरह इंडस्ट्रियल जोन बनेगा
अबुधामी की तरह इंडस्ट्रियल जोन बनेगा

प्राधिकरण का प्लन इन देशों की तर्ज पर करे विकसित….
इंवेस्टमेंट के लिए DNGIR को अबुधाबी, दुबई , लंदन, हांगकांग, सियोल, पेरिस , टोक्यो, सिंगापुर , मकाऊ की तर्ज पर बसाने पर जोर दिया जा रहा है। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि जून के दूसरे सप्ताह तक फाइनल ड्राफ्ट बनकर आ जाएगा। इसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी।

देश के इन कारिडोर को जोड़ेगा नया नोएडा..

  • वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर दादरी से मुम्बई
  • इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना से कोलकाता तक वाया खुर्जा से एक एसपीयूआर दादरी तक जाएगी।
लॉजिस्टिक हब
लॉजिस्टिक हब

तीन अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट को भी जोड़ेगा….

  • इंटीग्रेटड इंडस्ट्रियल टाउनशिप इन ग्रेटर नोएडा
  • मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब इन बोड़ाकी
  • मल्टीमॉडल लाजिस्टिक इन दादरी

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