‘न्यू नोएडा’ में शामिल होंगे बुलंदशहर के 60 गांव, औद्योगिक हब बनाने की योजना

नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि बैठक का उद्देश्य मौजूदा मार्केट की स्थितियों को समझना था. हालांकि, इस बैठक में कई क्षेत्रों के करीब 100 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.
.दिल्ली एनसीआर से सटे गौतम बुद्ध नगर जिले में नोएडा अथॉरिटी ने दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद में निवेश क्षेत्र को विकसित करने के लिए अपनी परियोजना में तेजी लाने का फैसला किया है. दरअसल, इस योजना को ‘न्यू नोएडा’ के रूप में भी जाना जाता है. जहां इस इलाके को 20,000 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा, जिसमें 80 गांव शामिल होंगे. इस दौरान गौतमबुद्धनगर जिले में से 20 और बुलंदशहर में 60 गांव शामिल होंगे. वहीं, प्रदेश सरकार इस इलाके को औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करना चाह रही है. बता दें कि, इसे अगले 20 सालों में 4 चरणों में विकसित किया जाएगा.

दरअसल, TOI की रिपोर्ट के अनुसार, ‘न्यू नोएडा’परियोजना को तेजी से करने का फैसला बीते मंगलवार को नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में लिया गया है. इस दौरान अथॉरिटी का कहना है कि मास्टर प्लान को बोर्ड के सामने पेश किया गया था. जहां बोर्ड ने इसे लखनऊ में मुख्य टाउन एंड कंट्री प्लानर को भेजने और फीडबैक लेने का फैसला किया है. बता दें कि, पिछले साल 29 जनवरी को,योगी सरकार ने ‘न्यू नोएडा’ परियोजना के लिए एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें इस इलाके को विशेष इकॉनोमिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा.

बैठक में 100 प्रतिनिधि हुए शामिल

वहीं, इस परियोजना को पूरा करने का काम नोएडा अथॉरिटी को सौंपा गया था. इस परियोजना में तेजी लाने का फैसला एक दिन बाद आया जब अथॉरिटी की टीम ने निवेशकों को लुभाने के लिए दिल्ली में फिक्की में बैठक की. इस दौरान नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि बैठक का उद्देश्य मौजूदा मार्केट की स्थितियों को समझना था. हालांकि, इस बैठक में कई क्षेत्रों के करीब 100 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.

उद्योगपतियों ने न्यू नोएडा योजना पर दिखाई रुचि

इस दौरान नोएडा अथॉरिटी का कहना है कि न्यू नोएडा की योजना के लिए व्यावसायिक, औद्योगिक को लेकर भूमि बैंक की उपलब्धता पर बातचीत की गई. उन्हें भूखंडों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया गया है. उन्होंने बताया कि “उद्योगपतियों ने मौजूदा योजना में रुचि दिखाई और परियोजना को जल्द शुरू करने की बात कही. इसके साथ ही गोडाउन के लिए एक योजना लाने के लिए भी अनुरोध किया गया था. इसके अलावा इस परियोजना में चौड़ी सड़कों का भी सुझाव दिया गया था.

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