‘आतंकवादियों पर बैन लगाने पर न हो राजनीति’, UN में भारत की चीन को दो टूक
पिछले महीने चीन ने अमेरिका (America) और भारत के जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैक लिस्ट में डालने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी.
चीन (China) ने कुछ दिन पहले ही मुंबई 26/11 हमले के दोषी और पाकिस्तान (Pakistan) परस्त लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर (Sajid Mir) को ब्लैक लिस्ट करने के संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी. चीन के इस कदम के कुछ दिन बाद भारत (India) ने एक बार फिर से यूएन में आतंकवादियों को बैन करने में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग दोहराई है. साजिद मीर भारत के सबसे वांटेड आतंकवादियों (Wanted Terrorists) में से एक है और 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य संचालक है. चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसकी लिस्टिंग को रोक दिया. चार महीने के भीतर बीजिंग द्वारा इस तरह का यह तीसरा कदम था.
पिछले महीने चीन ने अमेरिका (America) और भारत के जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैक लिस्ट में डालने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी. जून में, चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध करने के एक और प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था.
विदेश मंत्री ने चीन पर साधा निशाना
विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने आज यूएनएससी से इन घटनाक्रमों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसे आतंकियों को किसी भी प्रकार का राजनीतिक संरक्षण नहीं देना चाहिए. उन्होंने इशारों-इशारों में चीन की हरकत पर निशाना साधते हुए कहा कि यूएनएससी में अकसर दुनिया के ऐसे खूंखार आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर देरी भविष्य में कई देशों की शांति के लिए खतरा पैदा कर सकती है.
आतंकी अब्दुल रहमान मक्क पीर मेहरबान हुआ चीन
लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई और अमेरिका द्वारा घोषित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को भी बीजिंग ने जून के महीने में अंतिम समय में संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल किए जाने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी. चीन ने एक अन्य आतंकवादी साजिद मीर 2006 से 2001 तक लश्कर के बाहरी आतंकी अभियानों का प्रभारी था. जिसे अमेरिका ने अप्रैल 2011 में मुंबई 2008 के हमलों में इसकी भूमिका के लिए दोषी करार दिया था को संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में शामिल करने वाले प्रस्ताव को अंतिम समय पर खारिज कर दिया था.