15 राज्यों में PFI के 93 ठिकानों पर रेड, 106 गिरफ्तारियां… !

सबसे ज्यादा गिरफ्तारी केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक से हुई है जहां संगठन का एक मजबूत बेस है. संगठन के खिलाफ अलग-अलग कई केस चल रहे हैं, जिसमें यह गिरफ्तारियां की गई है.

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की अगुवाई में कई एजेंसियों ने गुरुवार को 15 राज्यों में 93 लोकेशंस पर एक साथ छापे मारे और देश में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने पीएफआई के खिलाफ इसे अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान करार दिया. अधिकारियों ने बताया कि केरल में पीएफआई के सबसे अधिक 22 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में इसके अध्यक्ष ओ. एम. ए सलाम भी शामिल हैं।

पीएफआई की स्थापना 2006 में की गई थी. यह संगठन भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का प्रयास करने का दावा करता है. अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारी केरल में की गई, जहां 22 लोग गिरफ्तार किए गए. इनके अलावा महाराष्ट्र (20), कर्नाटक (20), तमिलनाडु (10), असम (9), उत्तर प्रदेश (8), आंध्र प्रदेश (5), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), दिल्ली (3) और राजस्थान में दो गिरफ्तारियां शामिल हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने की बैठक

अधिकारियों ने कहा कि एनआईएप्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और संबंधित राज्यों के पुलिस बल ने गिरफ्तारियां की हैं. अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवदियों को कथित तौर पर धन मुहैया कराने, उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने में कथित तौर पर शामिल लोगों के परिसरों पर छापे मारे गए थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक बैठक की थी.

माना जा रहा है कि बैठक में पीएफआई से जुड़े परिसरों में की जा रही छापेमारी और आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा की गई. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारी इस उच्च स्तरीय बैठक में शामिल हुए.

PFI का हड़ताल का आह्वान

इस बीच पीएफआई ने एनआईए की अगुवाई में कई एजेंसियों द्वारा उसके कार्यालयों, नेताओं के घरों और अन्य परिसरों में छापेमारी के विरोध में 23 सितंबर को केरल में हड़ताल का आह्वान किया है. पीएफआई के प्रदेश महासचिव ए अब्दुल सत्तार ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नियंत्रण वाली फासीवादी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश के खिलाफ राज्य में 23 सितंबर को हड़ताल की जायेगी. उन्होंने कहा कि सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक हड़ताल जारी रहेगी.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने हालांकि इस प्रस्तावित हड़ताल को अनावश्यक बताया और राज्य सरकार से इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया. भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि पीएफआई द्वारा पूर्व में आहूत सभी हड़तालों में दंगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के प्राधिकारियों को लोगों के जीवन और संपत्ति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.

जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए!

पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई की पृष्ठभूमि में कई मुस्लिम संगठनों ने समुदाय के युवाओं से गुरुवार को धीरज से काम लेने की अपील की. मुस्लिम स्टूडेंस्ट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एमएसओ) ने ट्विटर पर कहा कि इन संगठनों ने भरोसा जताया कि उन्हें देश की न्यायिक व्यवस्था, कानून और संविधान में विश्वास है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी हो और उसके प्रति कतई बर्दाश्त न करने (जीरो टॉलरेंस) की नीति होनी चाहिए.

राहुल गांधी ने एनआईए और अन्य एजेंसियों द्वारा पीएफआई कार्यालयों और पीएफआई नेताओं के घरों पर देशव्यापी छापे के संबंध में कोच्चि में प्रेस कांफ्रेंस में पूछे एक सवाल के जवाब में कहा, हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी हो. सांप्रदायिकता के प्रति कतई बर्दाश्त न करने (जीरो टॉलरेंस) की नीति होनी चाहिए और इसका मुकाबला किया जाना चाहिए.

दिल्ली से हाथरस तक पीएफआई कनेक्शन

ईडी देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों को भड़काने, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित महिला से कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में साजिश रचने और कुछ अन्य आरोपों को लेकर पीएफआई के कथित वित्तीय संबंधों की जांच कर रही है. जांच एजेंसी ने लखनऊ में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं.

ईडी ने पिछले साल फरवरी में धन शोधन के आरोपों पर पीएफआई और उसकी छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के खिलाफ अपनी पहली एफआईआर दर्ज की थी. दावा किया था कि पीएफआई के सदस्य हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़काना और आतंक का माहौल बनाना चाहते थे.

पत्रकार सिद्दिकी कप्पन का कनेक्शन

आरोप पत्र में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उनमें पीएफआई की छात्र शाखा सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव और पीएफआई सदस्य के ए रऊफ शरीफ, सीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिकुर रहमान, सीएफआई की दिल्ली इकाई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दिकी कप्पन और सीएफआई/पीएफआई का एक अन्य सदस्य मोहम्मद आलम शामिल हैं. ईडी ने इस साल दाखिल किए गए दूसरे आरोपपत्र में दावा किया था कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में स्थित एक होटल पीएफआई के लिए धन शोधन का जरिया बना था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *