शिवपुरी : स्वीकृत खदान की आड़ में संरक्षित वन में फर्शी पत्थर का अवैध उत्खनन

विभाग रोकने में नाकाम:स्वीकृत खदान की आड़ में संरक्षित वन में फर्शी पत्थर का अवैध उत्खनन

वन वृत मुख्यालय शिवपुरी की शिवपुरी रेंज के जंगल में अवैध फर्शी पत्थर उत्खनन ने फिर तेजी पकड़ ली है। स्वीकृत खदान की आड़ में संरक्षित वन में फर्शी पत्थर उत्खनन चलने से जंगल उजड़ रहा है। वन विभाग कार्रवाई रोकने में नाकाम है। फर्शी पत्थर खदान की लीज की आड़ में सब रेंज सुर वाया की गढ़ी बरोद बीट चिरकुंडा व सब रेंज मोहनगढ़ व शिवपुरी रेंज के जंगल में अवैध उत्खनन फिर से चलने लगा है। अवैध उत्खनन रोकने में वन अमला पूरी तरह नाकाम है।

जहां माधव नेशनल पार्क से लगी अर्जुन गवां खदान क्षेत्र में स्वीकृत पत्थर की खदान के नाम पर संरक्षित वन में अवैध उत्खनन किया जा रहा है। वहीं स्वीकृत डबिया के नाम पर पास ही लगे वन भूमि से फर्शी पत्थर का अवैध उत्खनन जोरों पर चल रहा है।

वृत्त मुख्यालय अवैध उत्खनन को लेकर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क से लगी अर्जुन गवां खदान पत्थर की खदान के नाम से स्वीकृत है लेकिन माफियाओं का अर्जुन गवां से लगे हुए मझेरा, मोरई, खेरोना, संरक्षित वन में जमकर अवैध उत्खनन जारी है।

माइनिंग विभाग द्वारा अर्जुनगवां के सरकारी सर्वे नंबर 1/3 रकबा 1.34 हेक्टेयर पर खदान स्वीकृत की है। लेकिन माफिया स्वीकृत खदान एरिया की बजाए पास लगे पाठखेड़ा बीट में सिद्ध खो वाली जगह, विरधा बीट में विरधा पहाड़ से, अजुर्नगवां बीट में मोरई मंदिर से दक्षिण दिशा में फर्शी पत्थर, मझेरा बीट में संरक्षित वन में क्षेत्र में फर्शी पत्थर का अवैध उत्खनन कर रहे है।

डबिया के नाम से स्वीकृत, संरक्षित वन से हो रहा उत्खनन
सब रेंज सुर वाया की गढ़ी बरोद बीट के डबिया के हल्का नंबर 77 के सर्वे नंबर 433, 436, 437, 438, 439 के 1 हेक्टेयर क्षेत्र में फर्शी पत्थर की लीज है। लेकिन पास ही लगे संरक्षित वन के चिरकुंडा क्षेत्र में अवैध उत्खनन जोरो से जारी है। हालात यह है कि एक हो या रात 24 घंटे अवैध उत्खनन का काम जारी है। जंगल में माफिया जेसीबी तक लेकर आसानी से लेकर चले जाते है और फर्शी पत्थर के उत्खनन करने से पहले जेसीबी से जगह खोद कर सफाई करते है लेकिन विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को इस बात की भनक तक नहीं लगती समझ से परे है।

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