मप्र में नर्सिंग कॉलेज घोटाला ..! ईसी ने जांच कमेटी बनाई लेकिन मेंबर्स को पता ही नहीं मामला क्या ह
मेडिकल विवि:600 आंसरशीट भीगी, ईसी ने जांच कमेटी बनाई लेकिन मेंबर्स को पता ही नहीं मामला क्या ह
मप्र में नर्सिंग कॉलेज में हो रही गड़बड़ियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब नर्सिंग के छात्रों की परीक्षा की उत्तर पुस्तिका भीगने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि बड़वानी और उज्जैन सेंटर की करीब 600 कॉपिया जब यूनिवर्सिटी पहुंची तो वे पूरी तरह भीगी मिलीं। ये बीएससी नर्सिंग सेकंड ईयर के छात्रों की कॉपियां थीं।
कॉपियों की हालत ऐसी थी कि इनको स्कैन करना तो दूर पढ़ना भी मुश्किल हो रहा था। हद यह है कि इस मामले के सामने आने के बाद विवि ने दो सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर बैकडेट में जांच करा दी और मामले से जुड़े सभी लोगों को क्लीन चिट भी दे दी। जबकि कार्यपरिषद के दो सदस्यों ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच की मांग की थी। बड़ी बात यह है कि जिन सदस्यों को इस कमेटी में शामिल किया गया, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है।
स्कैनिंग के वक्त पकड़ में आया मामला…
बताया जा रहा है कि कॉपियां भीगने का मामला तब पकड़ में आया, जब यह कॉपियां डिजिटल स्कैनिंग के लिए संबंधित शाखा में पहुंची। संबंधित शाखा के कर्मचारी ने इसकी सूचना कुलपति आॅफिस को दी तो उन्होंने डीन मेडिकल कॉलेज जबलपुर और एक अन्य सीनियर प्रोफेसर की कमेटी बनाकर जांच शुरू करवा दी। लेकिन जांच रिपोर्ट ईसी की बैठक में नहीं रखी। इस जांच में सदस्यों ने पाया कि कुल 6 कॉपियां ही भीगी हुई थी। जबकि इस मामले में लापरवाही को लेकर कानूनी कार्रवाई की जानी थी।
विवि ने जो जांच कराई उसकी रिपोर्ट नहीं मिली
कॉपियों के भीगने का मामला 11 अक्टूबर को हुई कार्यपरिषद (ईसी) की बैठक में भी उठाया गया। इस बैठक में ईसी के दोनों सदस्य सुनील राठौर और डॉ. पवन स्थापक ने मांग उठाई कि कॉपियां भीगने की जांच तीन सदस्यीय समिति से कराई जाए। इसके लिए तीन नाम भी तय हुए। इनमें रिटायर्ड आईएएस वेद प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ला और स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक डॉ. संजय मिश्रा को शामिल किया गया।
जब इनमें से आईएएस वेद प्रकाश से बात की तो बोले कि हमें कोई सूचना नहीं दी गई। यानी जिस कमेटी को ईसी की बैठक में बनाया गया, उसे जांच नहीं करने दी गई। न ही यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच की रिपोर्ट सामने रखी। बैठक के मिनिट्स भी अब तक जारी नहीं किए गए।
जिम्मेदार बोले- 6 कॉपियां भीगी मिली हैं
यूनिवर्सिटी ने दो सदस्यों की एक कमेटी बनाकर जांच कराई थी, जिसमें कुल 6 कॉपियां भिगी मिलीं। इसमें एफआईआर की आवश्यकता नहीं लगी। अलग से कोई कमेटी नहीं बनाई गई।
पुष्पराज सिंह बघेल, डिप्टी रजिस्ट्रार, एमपी मेडिकल विवि, जबलपुर
उन्होंने कब जांच करवा ली, रिपोर्ट कहां है?
जांच तो ईसी द्वारा बताई गई कमेटी से कराई जानी थी। इन्होंने कब जांच करवा ली और उसकी रिपोर्ट कहां है? ईसी बैठक के मिनिट्स क्यों अपलोड नहीं किए गए? हम दो सदस्यों ने एकमत होकर कहा था कि तीन सदस्यीय कमेटी से जांच कराई जाए।
सुनील राठौर, ईसी मेंबर, मेडिकल यूनिवर्सिटी, जबलपुर