सीधी मामले में मानव अधिकार आयोग ने डीजीपी, आईजी से मांगी रिपोर्ट
डीजीपी (DGP) घटनाक्रम के दिए जांच के आदेश…..
भोपाल। सीधी जिले में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर थाने में अर्धनग्न कर फोटो वायरल किए जाने की घटना को मध्यप्रदेश मानव अधिकार अयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस मामले में डीजीपी और आईजी रीवा से एक सप्ताह में जबाव मांगा है। वहीं डीजीपी सुधीर सक्सेना ने पूरे मामले के जांच के निर्देश दिए हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) डॉ. अशोक अवस्थी पुलिस मुख्यालय भोपाल ने इस घटनाक्रम की जाँच के लिये अमित सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रेडियो) भोपाल को नियुक्त किया है। अमित सिंह सीधी पहुँचकर प्रकरण की जाँच कर 3 दिवस में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। वहीं निरीक्षक मनोज सोनी और उप निरीक्षक अभिषेक सिंह परिहार थाना प्रभारी अमिलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
यह है मामला
प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों को सीधी पुलिस ने गिरफ्तार किया और उन्हें थाने ले जाया गया। इनमें दो पत्रकार भी शामिल थे। थाने में इन्हें अर्धनग्न कर इनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई। मामला प्रकाश में आने में बाद सरकार हरकत में आई और आनन-फानन में कार्यवाही की गई।
प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों को सीधी पुलिस ने गिरफ्तार किया और उन्हें थाने ले जाया गया। इनमें दो पत्रकार भी शामिल थे। थाने में इन्हें अर्धनग्न कर इनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई। मामला प्रकाश में आने में बाद सरकार हरकत में आई और आनन-फानन में कार्यवाही की गई।
मामला 2 अप्रैल का है जब सीधी थाना पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा जिन पर अवैध वसूली और स्थानीय भाजपा विधायक के खिलाफ एक खबर चलाने का आरोप लगाया गया। पकड़े गए सभी लोग यू-ट्यूब पर चैनल चलाने वाले बताए गए जिनमें से एक कनिष्क तिवारी भी हैं। बताया गया है कि कनिष्क तिवारी की टीम ने भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला व पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर खबरें चलाई थीं। इससे नाराज़ होकर विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर की थी। जिसके बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ा था और फिर इनके साथ जो व्यवहार हुआ वो सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बन गया है।