निजी यूनिवर्सिटीज पर कसेगा ​शिकंजा, छात्रों से नहीं वसूल सकेंगे अनावश्यक फीस

निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अब विवि की बैलेंस शीट चैक करेगा, इसमें गडबडी पाए जाने पर कार्रवाई होगी

अनावश्यक प्रॉफिट कमाने वाले निजी विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई की तैयारी हो गई है। निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अब इन विश्वविद्यालयों की बैलेंस शीट चैक करेगा। जांच में यदि विवि द्वारा अनावश्यक प्रॉफिट कमाने के लिए फीस वसूल करना पाया जाता है, तो इनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। इसी के साथ फैकल्टी का स्तर भी चैक किया जाएगा। आयोग द्वारा यह कार्रवाई छात्रों से मिल रहीं शिकायतों के आधार पर की जाएगी। इस संबंध में पत्रिका ने 16 अक्टूबर को खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होने के बाद आयोग द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
प्रदेश में शिक्षण सत्र 2011-12 से निजी विश्वविद्यालय खुलना शुरू हुए हैं। वर्तमान में प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 48 हो गई है। आयोग के अधिकारियों ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों के एक्ट में तीन प्रावधान हैं, जिनका पालन इन्हें करना होता है। इन प्रावधानों की शर्त अनुसार विश्वविद्यालय लाभ कमाने के उद्देश्य से छात्रों से अनावश्यक फीस नहीं वसूल सकते। इन्हें शिक्षा नॉन प्रॉफिट के आधार पर देने का प्रावधान है। इसके लिए स्टूडेंस की संख्या, फैकल्टी का खर्च, लेबोरेटरी आदि का खर्च और छात्रों से ली जाने वाली फीस का आकलन किया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि निजी विवि अपनी मनमर्जी से हर साल फीस बढ़ा देते हैं, जबकि आयोग ने इनसे फीस निर्धारण के लिए सूची भी मांगी है, लेकिन कुछ विश्वविद्यालयों ने ही मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग को कोर्सवार निर्धारित फीस के साथ ही खर्चे का हिसाब भेजा है।
आगामी सत्र की फीस निर्धारित करने के लिए विश्वविद्यालयों की बैलेंस शीट का परीक्षण किया जाएगा।
– भरत शरण, अध्यक्ष, निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग

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