अटकी जिला पंचायत के शॉपिंग काॅम्पलेक्स की दुकानों की नीलामी

सामने बैठे दुकानदार नहीं देना चाहते लागत मूल्य …

इटावा रोड पर जिला पंचायत के कॉॅम्प्लेक्स को बनकर तैयार हुए तीन साल का समय बीतने को जा रहा है। लेकिन अब तक उसमें बाजार चालू नहीं हो सका है। जबकि इस काम्पलेक्स के आगे निर्मित 29 पुरानी दुकानें इसकी सुंदरता को ग्रहण लगा रही है। यही दुकानदार मुफ्त में दुकानें पाने को लेकर न्यायालय में चले गए है, जिससे पूरा मामला अधर में लटका हुआ है। वहीं पांच करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह काम्पलेक्स अब तक सूना पड़ा हुआ है।

यहां बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर शहर में नए बाजार को विकसित करने के लिए जिला पंचायत कार्यालय के बाहर खाली पड़ी जमीन पर वर्ष 2015 में एक शॉपिंग काम्पलेक्स स्वीकृत किया गया था। 5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह काम्पलेक्स वर्ष 2018 में बनकर तैयार हो गया था। कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2019 में तत्कालीन पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने इसका शुभारंभ भी कर दिया था। लेकिन शुभारंभ के दो साल बीतने के बाद भी यह काम्पलेक्स अब तक वीरान पड़ा हुआ है।

वहीं जिला पंचायत अब तक इस काम्पलेक्स की दुकानों की नीलामी नहीं कर पाई है। वहीं तीन मंजिला आकर्षक इस काम्पलेक्स के आगे निर्मित वर्षों पुरानी 29 दुकानें इसकी सुंदरता को ग्रहण लगा रही है।

यह लोग है कमेटी में: बताया जा रहा है कि जिला पंचायत ने कभी दुकानों की नीलामी नहीं की है। इसलिए जिला पंचायत सीईओ जेके जैन ने कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, जिसमें मुख्य रुप से नगरपालिका सीएमओ को शामिल किया गया है। कारण नगरपालिका को दुकानों की नीलामी का अनुभव है। इसके अलावा एडीएम, नगरीय प्रशासन के कार्यपालन यंत्री, पीडब्लूडी के कार्यपालन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री और कोषालय अधिकारी को शामिल किया गया। लेकिन कमेटी गठित हुए करीब एक साल बीतने को जा रहा है। इन दुकानों की नीलामी नहीं हो सकी है।

जिला पंचायत सदस्यों की दुकानों पर निगाहें
बीच शहर में निर्मित इस काम्पलेक्स की दुकानों पर राजनैतिक लोगों की नजर टिकी हुई है। वहीं जिला पंचायत और जनपद के सदस्य भी इन दुकानों को अपने चहेतों को दिलाना चाहते हैं। इसी के चलते पिछले तीन साल में इन दुकानों की नीलामी जिला पंचायत नहीं कर पाई। वहीं अब जिला पंचायत में नए सदस्य भी आ गए हैं।

29 दुकानदार नहीं देना चाह रहे लागत मूल्य
जिपं काम्पलेक्स की 108 दुकानों की नीलामी में सबसे पहले प्राथमिकता कॉॅम्प्लेक्स के आगे वर्षों से कारोबार कर रहे 29 दुकानदारों को देने की थी। साथ ही इन दुकानदारों से जिला पंचायत ने सिर्फ दुकान की लागत मूल्य लेने का निर्णय लिया था। लेकिन यह दुकानदार लागत मूल्य भी देना नहीं चाह रहे हैं। उनका कहना है कि वे वर्षों से इस जगह पर कारोबार कर रहे हैं। दुकानदार अजय शर्मा बालाजी मेडिकल वालों का कहना है कि उनकी सालों से धरोहर राशि जमा है, उस पर ब्याज इतना हो गया हो कि दुकान की लागत निकल आएगी। वहीं कई दुकानदार ऐसे भी है जो इतनी बड़ी राशि नहीं दे पाएंगे। जबकि उनकी रोजी रोटी उसी दुकान से चल रही है।

108 दुकानों की होना है नीलामी, कोर्ट में जाने से मामला खटाई में पड़ गया
शहर मध्य स्थित तीन मंजिला निर्मित जिला पंचायत कॉॅम्प्लेक्स में कुल 108 दुकानें है, जिसमें 8 हाल हैं। इन दुकानों ओर हॉल की नीलामी जिला पंचायत पिछले तीन साल में नहीं कर पाई है, जिससे यह काम्पलेक्स पूरी तरह से तैयार होने के बाद भी सूना पड़ा हुआ है। हालांकि जिला पंचायत ने काम्पलेक्स की दुकानों के ऑनलाइन नीलाम करने की तैयारी की थी। लेकिन फ्रंट पर बैठे 29 दुकानदारों के कोर्ट जाने के बाद पूरा मामला खटाई में पड़ गया।

“जिला पंचायत के शॉपिंग काम्पलेक्स की दुकानों को ऑनलाइन नीलामी करने की योजना थी। लेकिन कुछ दुकानदार कोर्ट चले गए हैं। वे लागत मूल्य भी नहीं देना चाहते हैं। तीन चार दिन बाद कोर्ट में तारीख है। इसके बाद ही तय होगा कि कब दुकानों नीलामी होगी।”
– जेके जैन, सीईओ, जिला पंचायत भिंड

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