G20: ‘2023 के सम्मेलन को लोकसभा चुनाव में भुनाएंगे दुनिया के सबसे बड़े इवेंट मैनेजर’, कांग्रेस का PM पर निशाना
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि 2023 शिखर सम्मेलन निश्चित रूप से लोगों के वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए एक साल बाद लोकसभा चुनाव के लिए दुनिया के सबसे बड़े इवेंट मैनेजर द्वारा भुनाया जाएगा।
भारत को जी-20 की अध्यक्षता सौंपे जाने के बीच कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 2023 में समूह के शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया के सबसे बड़े इवेंट मैनेजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसे लोकसभा चुनाव में भुनाया जाएगा। बाली में दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के अंत में भारत को प्रभावशाली गुट की अध्यक्षता सौंपी गई, जिसकी मेजबानी इस बार इंडोनेशिया ने की थी। भारत आधिकारिक रूप से 1 दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। राष्ट्राध्यक्षों/सरकार के स्तर पर अगला जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
जयराम रमेश का पीएम मोदी पर निशाना
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ट्विटर किया, जी-20, 19 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय संघ का समूह 1999 में स्थापित किया गया था। 2008 से प्रत्येक सदस्य देश में बारी-बारी से एक वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाता है। हर सदस्य देश को मौका मिलता है और भारत 2023 में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। रमेश ने कहा, इसका निश्चित रूप से स्वागत किया जाना चाहिए, जैसा कि पहले आयोजित इसी तरह के शिखर सम्मेलन में हुआ था। 1983 में 100 से अधिक देशों का गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में हुआ था, जिसके बाद राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि 2023 शिखर सम्मेलन निश्चित रूप से लोगों के वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए एक साल बाद लोकसभा चुनाव के लिए दुनिया के सबसे बड़े इवेंट मैनेजर द्वारा भुनाया जाएगा।
जी-20 में पीएम मोदी का संदेश
बाली में शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत की जी -20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई उन्मुख होगी। देश ऐसे समय में कार्यभार संभाल रहा है जब दुनिया भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक मंदी और बढ़ती खाद्य और ऊर्जा कीमतों से जूझ रही है।
जी-20 समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।