कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटी है पूरी दुनिया, भारत में मार्च तक पूरा हो जाएगा मानव परीक्षण
पूरी दुनिया में कोरोना से एक करोड़ 44 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और छह लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे वक्त में सबसे जरूरी चीज कोरोना वायरस की वैक्सीन ही है। दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक इस कोशिश में जुटे हैं। भारत सहित रूस, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन आदि देश वैक्सीन बनाने की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
आपको बता दें कि 130 से ज्यादा वैक्सीन पर पूरी दुनिया में शोध चल रहा है। 20 वैक्सीन ट्रायल के अलग-अलग चरण से गुजर रही है।
रूस: सबसे पहले वैक्सीन देने का दावा
रूस के वैज्ञानिकों का दावा है कि विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन अगस्त में लांच हो जाएगी। मास्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन के लिए क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया। क्लिनिकल ट्रायल गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी में 18 जून से शुरू हुए थे। वालेंटियर्स के पहले बैच को 15 जुलाई को छुट्टी दे दी गई, दूसरे बैच को 20 जुलाई छुट्टी मिलेगी।
चीन: ट्रायल के तीसरे चरण में
चीनी कंपनी सीनोवेक बायोटेक की वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के थर्ड स्टेज में पहुंच चुकी है। तीसरे दौर में पहुंचने वाली दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन है। अबू धाबी में 15,000 रजिस्टर्ड वॉलंटियर को पहली डोज दी गई। 28 दिन के अंदर दो बार वैक्सीन की डोज देने पर 100 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज विकसित हुआ। चीन में चार संभावित कोरोना की वैक्सीन विकसित की जा रही हैं। वुहान इंस्टीट्यूट और सीनाफॉर्म्स की वैक्सीन दूसरे चरण में हैं।
ब्रिटिश वैक्सीन: तीसरे चरण में
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, इंपीरियल कॉलेज की वैक्सीन इंसानों पर ट्रायल के दूसरे और तीसरे दौर में है। ट्रायल के दूसरे फेज में 105 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। तीसरा ट्रायल नवंबर में 6,000 लोगों पर करने की योजना है।
भारत: पहले और दूसरे फेज में
भारत में भी कोवैक्सीन और जोकोव-डी नाम की दो वैक्सीन का फेज 1 और 2 ट्रायल भी शुरू हो गया है। शुरुआती डोज दिए जाने के बाद वॉलंटिअर्स में किसी तरह के साइड-इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले हैं। रिसर्च में सहयोग के लिए डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने अपने दरवाजे खोल रखे हैं। कंपनी की तैयारी मार्च तक मानव परीक्षण पूरा करने की है। सफलता मिलने के बाद 100 मिलियन डोज बनाएगी
अमेरिका: अंतिम चरण में
अमेरिका में मॉडर्ना 27 जुलाई के आसपास वैक्सीन के मानव परीक्षण के अंतिम चरण की योजना बना रही है। कंपनी 87 स्थानों पर ट्रायल करेगी। यह सभी स्थान अमेरिका में ही हैं। सरकार वैक्सीन का वित्त पोषण करेगी। कनाडा स्थित मेडिकैगो ने कोविड वैक्सीन के परीक्षण के लिए पहले चरण का ट्रायल शुरू किया है।
जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया : दूसरे फेज में
जर्मनी में बायोएनटेक, पीफाइजर और फोसन फार्मा संभावित वैक्सीन बनाने के दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया का वैक्सीन पैटी लिमिटेड और मेडिटॉक्स पहले चरण में पहुंचे हैं।