कैसा है आपके सपनों का Toilet?

शौचालय के साथ सेल्फी भेजें.. अधिकारी का आदेश, बवाल
महाराष्ट्र के नासिक जिले में ‘सेल्फी विद टॉयलेट’ कॉम्पिटिशन के आयोजन का आदेश दिया गया. इसके बाद से ही लोगों के बीच नाराजगी है.

सेल्फी लेना किसे पसंद नहीं होता है. सोशल मीडिया के दौर में हर कोई फोन उठाइए… एक अच्छा सा पोज दीजिए और फिर क्लिक करिए एक शानदार तस्वीर. हालांकि, तब क्या हो, जब आपको एक टॉयलेट के साथ सेल्फी लेने को कह दिया जाए. हैरान मत होइए, क्योंकि ऐसा सच में हुआ है. दरअसल, ये मामला Maharashtra के नासिक जिले में सामने आया है, जहां एक एजुकेशन ऑफिसर ने सभी सरकारी स्कूलों के छात्रों को ‘सेल्फी विद टॉयलेट’ कॉम्पिटिशन में भाग लेने और अपने ‘सपनों के शौचालय’ का स्केच बनाने का आदेश दिया.

शिक्षा अधिकारी ने क्या आदेश दिए?

आदेश में कहा गया है कि World Toilet Day के मौके पर एक ‘स्वच्छ शौचालय अभियान’ शुरू किया गया है. इसके तहत चौथी से दसवीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए ‘स्वच्छता और भूजल’ थीम पर कॉम्पिटिशन और एक्टिविटीज होनी चाहिए. ‘सेल्फी विद टॉयलेट’ के अलावा, अन्य गतिविधियों में ‘मेरे सपनों का शौचालय’, ‘मेरा स्कूल, मेरा सुरक्षित शौचालय’ जैसे विषयों पर ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन करना शामिल है.

इसके अलावा, स्कूलों को ‘मेरा स्कूल, मेरा शौचालय’ और ‘शौचालय का उपयोग करने के स्वच्छ तरीके’ जैसे विषयों पर होने वाले नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिताएं भी शामिल हैं. स्टूडेंट्स के लिए होने वाले इन कार्यक्रमों में टीचर्स को भी हिस्सा लेना है. सभी कार्यक्रमों का आयोजन ऑनलाइन मोड में किया जाएगा. स्कूलों को इन कॉम्पिटिशन को करवाने हैं, जिसके नतीजों का ऐलान 19 नवंबर को किया जाएगा.

भड़के टीचर्स क्या बोले?

ये आदेश नासिक जिला परिषद (जेडपी) के शिक्षा अधिकारी बी डी कनोज द्वारा जारी किया गया था. आदेश को लेकर मचे बवाल के बीच एक टीचर ने पूछा, ‘यह आदेश बिना दिमाग लगाए जारी किया गया है. आप बच्चों को शौचालय के साथ सेल्फी लेने के लिए क्यों मजबूर कर रहे हैं?’ टीचर्स ने कहा कि सरकार का ध्यान स्टूडेंट्स को उनके साथ सेल्फी लेने के लिए कहने के बजाय स्वच्छ और फंकशनल टॉयलेट मुहैया करने पर होना चाहिए.

टीचर्स में से एक ने शिक्षा रिपोर्ट के लिए यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफोर्मेशन सिस्टम के तहत जारी हालिया आंकड़ों की ओर इशारा किया. आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में 65,639 सरकारी स्कूलों में से 64,581 में टॉयलेट हैं. इसके अलावा, उनमें से केवल 62,038 में ही टॉयलेट काम कर रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *