ग्वालियर : फूलबाग-किलागेट रोड

फूलबाग-किलागेट रोड:70 से 80 साल पुराने मकान, प्रशासन ने लगाए तोड़ने निशान, लोग बोले-कांग्रेस, भाजपा कर रही राजनीति
244 संपत्तियों पर इस तरह लगाए प्रशासन ने तोड़ने नोटिस, दहशत में लोग
  • 17 संपत्तियां तोड़ी, 244 पर सोमवार को होगी कार्रवाई

लोगों का कहना है कि किसी का मकान 70 तो किसी का 80 साल पुराना है। रजिस्ट्री भी है, लेकिन इसके बाद भी मनमर्जी से 6-6 घंटे के नोटिस पर तोड़ा जा रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व भाजपा सिर्फ राजनीति कर रही है। हमारे तो पुश्तैनी मकान टूट रहे हैं।

किलागेट से सेवा नगर पुलिया तक रोड के दोनों ओर की संपत्तियों पर निशान लगने के बाद लोगों ने न सिर्फ सामान समेटने का काम शुरू किया बल्कि अपने निर्माण के चिह्नित क्षेत्र की तुड़ाई भी खुद शुरू करा दी है। उधर, सराफ बाजार के निवासियों ने भी अपनी संपत्तियों को तोड़ना शुरू कर दिया है। लोगों द्वारा खुद ही हटाए जा रहे निर्माण को देखते हुए नगर निगम ने कार्रवाई को समय दे दिया है। किलागेट चौराहे पर 17 संपत्तियां तोड़ने के बाद नगर निगम ने किलागेट से सेवा नगर पुलिया तक रोड के दोनों ओर की 244 संपत्तियों पर कार्रवाई के लिए छह घंटे के नोटिस चस्पा किए थे। नोटिस के अनुसार रोड की चौड़ाई 18 मीटर प्रस्तावित थी, लेकिन बाद में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के हस्तक्षेप के बाद रोड की चौड़ाई घटाकर 12 मीटर कर दी गई। इससे प्रभावित संपत्तियों की संख्या कम हो गई। इसके बाद लोगों ने खुद ही अपने निर्माण का चिह्नित भाग तोड़ना शुरू कर दिया। हालांकि तमाम लोग अब भी इस इंतजार में हैं कि शायद किसी राजनीतिक हस्तक्षेप से तुड़ाई रुक जाए। इस पर निगम के अधिकारियों ने गुरुवार को चर्चा कर तुड़ाई की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए पुलिस व जिला प्रशासन आदि विभागों से समन्वय भी स्थापित कर लिया गया है। शुक्रवार को निगम के क्षेत्रीय अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया है। जिसके बाद जल्द यह संपत्तियों को तोड़ने का दिन चिन्हित किया जाएगा।

70 से 80 साल पुराने मकान, अब क्यों तोड़ रहे
– प्रशासन की कार्रवाई को लेकर लोग आक्रोशित है। स्थानीय नागरिक रविन्द्र कुमार का कहना है कि 70 से 80 साल से यहां रह रहे हैं। जायज मकान है। इसके बाद भी प्रशासन ने लाल निशान लगा दिया। यह पहली बार नहीं है छटवीं बार निशान लगाया है। सड़क चौड़ी करने के चक्कर मंे कई लोगों को पूरे के पूरे मकान ही जा रहे हैं। ऐसे सौंद्रीयकरण का क्या फायदा।

सब राजनीति कर रहे हैं, हमें ऐसे हटाया जैसे कोई आतंकवादी हो
– एडवोकेट उमेश गुप्ता का मकान तीन दिन पहले किलागेट पर तोड़ा गया था। उनका कहना है कि एक इंच भी मकान गैर कानूनी नहीं था। 12 फीट का नोटिस दिया और 20 फीट तोड़ दिया। मुआवजा तो दूर की बात 6 घंटे का नोटिस देकर पूरी कार्रवाई की गई है। हमें हमारे घरों से ऐसे निकाला गया है जैसे कोई आतंकवादी हो। जब टूट गया तो भाजपा-कांग्रेस व आप वाले आ रहे हैं। सब अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं।

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