क्या ड्रग का गढ़ बन रहा ग्वालियर?

गांजा, स्मैक, ब्राउन शुगर, MDMA के बाद अब इंटरनेशनल ड्रग हेरोइन की मांग …

ग्वालियर में पिछले कुछ महीनों पर नजर डालें, तो बड़े तूफान की आहट सुनाई देती है। यह तूफान ड्रग से जुड़ा है। तेजी से ग्वालियर ड्रग माफियाओं का हब बनता जा रहा है। यहां कुछ महीने पहले तक गांजा, स्मैक की तस्करी होती थी, लेकिन उसके बाद तस्करों ने युवाओं को ब्राउन शुगर, MDMA (मेथामफेटामाइन) के साथ हेरोइन की लत लगा दी है। यही कारण है कि यहां MDMA व हेरोइन जैसी हाई प्रोफाइल व इंटरनेशनल ड्रग्स की सप्लाई होने लगी है।

रविवार को पुलिस ने ग्वालियर में 50 से 70 लाख रुपए की हेरोइन जब्त की है। चंद महीनों में तेजी से ड्रग्स बदलना और नए-नए तस्करों का मिलना बताता है कि ग्वालियर तेजी से ड्रग्स माफिया का गढ़ बनता जा रहा है। पुलिस अफसर भी इसे समझ रहे हैं।

ग्वालियर-चंबल अंचल में बढ़ी ड्रग की डिमांड
पिछले कुछ समय से देखने में आया है कि ग्वालियर-चंबल अंचल के कई शहरों में ड्रग तस्करी के मामले बढ़े हैं। विशेषकर ग्वालियर तो ड्रग्स माफियाओं का गढ़ बनता जा रहा है। यहां अभी तक गांजा, चरस, स्मैक की लत से युवा ग्रसित थे, लेकिन अब ब्राउन शुगर, MDMA और हेरोइन जैसी ड्रग के सप्लायर भी ग्वालियर की भूमि पर अपनी जमीन तलाशने लगे हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ महीने में एक सैकड़ा से ज्यादा ड्रग तस्कर पुलिस ने पकड़े हैं। ग्वालियर के अलावा चंबल के अन्य शहर मुरैना, भिंड व शिवपुरी भी ड्रग माफियाओं के निशाने पर हैं।

क्लब कल्चर बढ़ा, इंटरनेशनल ड्रग लेकर आ रहे तस्कर
अभी तक शहर में गांजा, स्मैक की तस्करी करने वाले तस्करों ने अब बड़े हाई प्रोफाइल और इंटरनेशनल ड्रग की सप्लाई पर नजर गढ़ा ली है। इसका बहुत बड़ा कारण शहर में तेजी से क्लब कल्चर बढ़ना है। पब, क्लब व हुक्काबार खुलते जा रहे हैं। यह पुलिस थानों के सेटिंग से चल रहे हैं।

यहां शाम ढलते ही शहर के स्टूडेंट, युवा व लड़कियां एकत्रित होते हैं और इस सूखे नशे का शौक फरमाते हैं। इस नशे से पता भी नहीं चलता कि सामने वाला नशे में हैं। यही कारण है कि नशे के सौदागरों के लिए ग्वालियर सॉफ्ट टारगेट होता जा रहा है।

दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े शहरों से जुड़ने लगे हैं तार
पहले शहर में नशे की सप्लाई करने वालों का नेटवर्क इटावा-मैनपुरी के स्मैक माफियाओं तक रहता था, लेकिन पिछले कुछ महीने में पकड़ी गई हाई प्रोफाइल ड्रग्स के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि इन ठगों का नेटवर्क बड़ी ड्रग्स के साथ बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुम्बई व गोवा तक पहुंच गया है।

दो महीने पहले पकड़ी गई MDMA ड्रग के मामले में नाइजीरियन गैंग होने की आशंका भी सामने आई थी। टीम के गोवा से तार जुड़े थे। अब हेरोइन ड्रग पकड़ी है इसको फिलहाल इटावा यूपी से लाना बता रहे हैं, लेकिन वहां से जिसने यह नशे के सौदागरों को दी उसकी लिंक किसी बड़े शहर से ही होगी।

बदमाशी छोड़ अपराधी बन रहे नशे के सौदागर
पुलिस ने पिछले कुछ महीनों में जितने भी ड्रग के बड़े रैकेट बर्स्ट किए हैं उनमें पकड़े गए नशे के सौदागरों का लूट, डकैत, हथियारों की तस्करी का पुराना रिकॉर्ड रहा है। पर जैसे-जैसे ग्वालियर नशे का गढ़ बनता जा रहा है। बदमाशों ने बदमाशाी छोड़कर नशा सामग्री की सप्लाई में हाथ अजमाना शुरू कर दिया है। इसमें रिस्क कम होती है और मुनाफा ज्यादा होता है। जब तक पकड़े नहीं जाते हैं कोई अपराध दर्ज भी नहीं होता है।

ड्रग तस्करी में मोटा मुनाफा के चक्कर में बढ़ रहे केस
ग्वालियर क्राइम ब्रांच के एएसपी राजेश दंडौतिया ने बताया कि लगातार पुलिस नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पुलिस का फोकस पुड़िया बेचने वाले से बाहर के शहरों से यहां नशा सामग्री लाने वाले हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि नशे की फील्ड में कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता है। यही कारण है कि तस्कर ज्यादा यहां का रूख करने लगे हैं, लेकिन ग्वालियर पुलिस ने उनके अंदर खौफ पैदा कर दिया है। लगातार नशे के खिलाफ कार्रवाई जारी है।

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