विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने प्रदेश में बढ़ेंगी पीजी की 650 सीटें

सरकार ने एनएमसी को भेजा प्रस्ताव: सीटें बढ़ने पर केंद्र देगा अनुदान
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने प्रदेश में बढ़ेंगी पीजी की 650 सीटें

भोपाल. सब कुछ ठीक रहा तो प्रदेश में एक साल के अंदर छह मेडिकल कॉलेजों में पीजी की लगभग 650 सीटें बढ़ जाएंगी। इससे विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहे अस्पतालों को राहत मिलेगी। मरीजों को भी विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकेंगी। सरकार ने सीटें बढ़ाने के संबंध में प्रस्ताव नेशनल मेडिकल कमीशन को भेजा है।

भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ने पर केंद्र सरकार 1.20 करोड़ रुपए का अनुदान प्रति सीट देगी। इन कॉलेजों में इस वर्ष 200 से ज्यादा पीजी की सीटें बढ़ाई गई हैं। प्रवेश भी दिया जा चुका है। दरअसल पीजी सीटें अपग्रेडेशन योजना के दूसरे चरण के तरह सीटें बढ़ाने पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इन कॉलेजों में सीटें बढ़ाने के साथ ही शिक्षकीय, पैरामेडिकल स्टाफ, आधारभूत ढांचे को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है

पीजी में इतनी सीटें

कॉलेज 2022 2021

भोपाल 176 172

जबलपुर 186 168

इंदौर 250 246

ग्वालियर 163 163

रीवा 106 84

सागर 55 38

दतिया 18 18

मेंटल कॉलेज 4 4

रतलाम 3 3

राज्य कॉलेज सीटें तमिलनाडु 70 10725 कर्नाटक 63 10145 महाराष्ट्र 62 9895 उत्तरप्रदेश 67 9053 आंध्रप्रदेश 31 5335 तेलंगाना 34 4050 प. बंगाल 27 4225 केरल 31 4255 मध्यप्रदेश 25 4080

(देशभर 612 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 91927 एमबीबीएस की सीटें हैं।)

प्रदेश में पीजी की अभी 2100 सीटें

प्रदेश में पीजी मेडिकल की 2100 सीटें हैं। इनमें 957 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हैं। 477 ऑल इंडिया कोटे की सीटें और 480 सीटें स्टेट कोटे की हैं। पीजी की सबसे ज्यादा 250 सीटें इंदौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में हैं। दूसरे नम्बर पर जबलपुर का कॉलेज का है।यहां 186 सीटें हैं।

एमबीबीएस कराने के मामले में मप्र देश में दसवें नंबर पर है। यहां कुल 25 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें 14 सरकारी और 11 निजी हैं। इन कॉलेजों में एमबीबीएस की 4080 सीटें हैं। सर्वाधिक मेडिकल कॉलेज तमिलनाडु में हैं।

 

 

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