इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग तीन साल में 2200 करोड़ रु. की हो जाएगी

जहां दुनिया में एक तरफ यह बहस छिड़ी है कि सोशल मीडिया पर नौजवान सिर्फ वक्त बर्बाद करते हैं और एक-दूसरे की जिंदगी में झांकते हैं, वहीं दूसरी ओर ताजा आंकड़े बताते हैं कि 2025 तक भारत में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग 2200 करोड़ रु. तक की हो जाएगी। गौर करने लायक बात है कि 2021 में यह सिर्फ 900 करोड़ रुपए तक ही सीमित थी।

वैश्विक स्तर पर बात करें तो 2019 के बाद से इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग का बाजार दोगुने से अधिक हो गया है। 2022 में बाजार का मूल्य रिकॉर्ड 1.34 लाख करोड़ रु. पहुंच चुका है, जबकि 2019 में यह 53 हजार करोड़ रुपए का था। इस लिहाज से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नौजवान सोशल मीडिया पर सिर्फ वक्त बर्बाद नहीं कर रहे, बल्कि वह इस कला को समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे सोशल मीडिया का सही उपयोग करके पैसा कमाया जा सकता है। क्योंकि वह जितना ज्यादा सोशल मीडिया देखेंगे उतना ही कुछ नया सीखेंगे।

हालांकि यहां इसके मनोवैज्ञानिक पहलुओं को नकार नहीं रहे, फिलहाल हम बाजार की दृष्टि से इसके सकारात्मक पहलुओं पर बात कर रहे हैं। वैसे सोशल मीडिया पर इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग इतनी आसान भी नहीं, क्योंकि जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है। और यही कारण है कि आज के युवाओं ने सोशल मीडिया को आंत्रप्रेन्योरशिप यानी उद्यमिता में बदल लिया है।

इंस्टाग्राम के माध्यम से कुछ अलग हटकर सामान बेचना, फेसबुक पर कम्युनिटी बनाकर प्रचार करना, व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाकर अपने उत्पाद या सेवाओं की निरंतर जानकारी देना या ई-कॉमर्स के जरिए ब्रांड बनने तक का सफर तय करना आसान नहीं है। सोशल मीडिया ने युवाओं को यह सुविधा दी है कि वे अपने घर से, बिना शहर छोड़े दुनिया के किसी भी कोने में जा सकते हैं और अपने काम को आगे बढ़ा सकते हैं।

यही नहीं सोशल मीडिया के जरिए युवा सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि घर के बाकी सदस्यों का हुनर भी सामने ला रहे हैं। अब ‘इन्फ्लुएंसर’ शब्द को थोड़ा समझ लेते हैं। सोशल मीडिया में इन्फ्लुएंसर वे लोग होते हैं, जो एक रणनीति बनाकर सोशल मीडिया पर कंटेंट पब्लिश करते हैं, जिससे लोग प्रभावित होते हैं। जब लोग उनके काम को पसंद करते हैं तो उनके फॉलोअर्स सब्स्क्राइबर्स बन जाते हैं और वे इन्फ्लुएंसर।

इन्हीं इन्फ्लुएंसर से बड़े-बड़े ब्रांड्स और संस्था जुड़ना चाहते हैं ताकि अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेज का प्रचार कर सकें। दिल्ली की लोकप्रिय फैशन इन्फ्लुएंसर कृतिका खुराना ने लगभग आठ साल पहले अपने इंस्टाग्राम पर ‘आउटफिट ऑफ द डे’ अपलोड करना शुरू किया था, जिसे लोगों ने पसंद किया। और इस तरह उनकी एक फैशन इन्फ्लुएंसर के रूप में यात्रा शुरू हुई।

वह नियमित रूप से बहुत सारे फैशन ब्रांड्स के साथ काम करती हैं। अच्छे फॉलोअर्स वाले इन्फ्लुएंसर को यही ब्रांड्स, अच्छी कीमत पर अपने साथ लंबे समय तक जोड़े रखना चाहते हैं। इसी तरह एक मशहूर ट्रेवल व्लॉगर डॉ. वरुण वगीश पिछले 15 वर्षों से ट्रेवलिंग कर रहे हैं। वह भारत और अंतरराष्ट्रीय जगहों पर बजट में घूमने के तरीके बताते हैं।

उन्होंने 2017 में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया, जो तुरंत हिट हो गया। सोशल मीडिया के जरिए अगर आप लोगों तक पहुंचना, उनकी मदद करना या उनको सुझाव देना चाहते हैं और अगर यह आपके पैशन से मेल खाता है साथ ही एक सस्टेनेबल करियर की ओर ले जाता है तो आपको इन्फ्लुएंसर बनने से कोई नहीं रोक सकता।

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