ग्वालियर-चंबल में बदलेंगे कई जिला-ब्लॉक अध्यक्ष; दिल्ली में हुई हाईलेवल मीटिंग

MP में नए साल में होगा कांग्रेस संगठन में बदलाव!

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस संगठन में जल्द ही बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसे लेकर शनिवार को दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग हुई। जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस के चीफ कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह और दिग्विजय सिंह मौजूद रहे।

बैठक में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस संगठन में जरूरी बदलाव पर चर्चा हुई। प्रदेश स्तर से लेकर ब्लॉक अध्यक्षों की परफॉर्मेंस पर बात हुई। ऐसे में संभावना है कि ग्वालियर, भोपाल समेत कई बड़े जिलों में जिलाध्यक्ष जल्दी बदले जा सकते हैं।

ग्वालियर-चंबल में जल्द सर्जरी संभव
चंबल अंचल के एक सीनियर कांग्रेस लीडर ने बताया कि अगले साल चुनाव होने हैं। पार्टी के सामने क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने की चुनौती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल होने वाले 22 विधायकों में से ज्यादातर इसी अंचल से है। लिहाजा इन क्षेत्रों में कांग्रेस को चुनावी नजरिए से मजबूत करने के लिए फेरबदल किए जाएंगे। ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड, निवाड़ी, मुरैना, अशोकनगर, श्योपुर समेत करीब 16 जिलों के अध्यक्षों को बदलने पर चर्चा हुई है। सूत्रों की मानें तो जिलाध्यक्षों की नई लिस्ट पर भी अगले हफ्ते तक जारी हो सकती है।

खड़गे की टीम में मप्र की भागीदारी पर मंथन
मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने दो महीने का वक्त हो चुका है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से दिल्ली तक पहुंच गई है। राहुल के दिल्ली पहुंचने पर खड़गे की नई टीम को लेकर भी मंथन शुरू हो गया है। शनिवार को दिल्ली में AICC के ऑफिस में हुई बैठक में कांग्रेस की राष्ट्रीय टीम में मप्र से शामिल होने वाले नेताओं के नामों पर भी चर्चा हुई है।

MP सहित 9 राज्यों में अगले साल होने हैं चुनाव
अगले साल यानि 2023 में MP समेत देश के 9 राज्यों में चुनाव होने हैं। इनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक, मिजोरम और तेलंगाना शामिल हैं। इन राज्यों के चुनाव सभी पार्टियों के लिए अहम होंगे, क्योंकि यहां जीत या हार से आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर जनता के मूड का पता चलेगा। इन चुनावों से पार्टियों को राज्यों में मजबूती का पता चलेगा। इसके आधार पर पार्टियां लोकसभा के लिए रणनीति तैयार करेंगी। मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है। एमपी और कर्नाटक में जहां बीजेपी की सरकार है, वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में कांग्रेस काबिज है। इन राज्यों में अभी से चुनावी सरगर्मी देखने को मिल रही है।

13 जिलों में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं
मप्र में कांग्रेस की हालत कई इलाकों में खराब है। सबसे ज्यादा विंध्य और बुन्देलखंड में कांग्रेस कमजोर है। प्रदेश के 13 जिले ऐसे हैं, जहां कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। इनमें टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर, खंडवा, बुरहानपुर, नीमच और मंदसौर जिलों में किसी भी सीट पर कांग्रेस का एक भी एमएलए नहीं हैं। इन जिलों में 42 विधानसभा की सीटें हैं। इन जिलों को लेकर भी कांग्रेस खासा जोर दे रही है। एआईसीसी में करीब दो घंटे चली बैठक में इन जिलों को लेकर भी चर्चा हुई है।

MP कांग्रेस से ये युवा नेता दावेदार
एमपी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी, नकुलनाथ, जयवर्धन सिंह, तरुण भनोत, सचिन यादव, विक्रांत भूरिया, कमलेश्वर पटेल, हिना कांवरे, कुणाल चौधरी समेत कई युवा चेहरे हैं, जिन्हें खड़गे कांग्रेस संगठन में जगह दे सकते हैं।

हालांकि संगठन में हिस्सेदारी को लेकर आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग के गणित को ध्यान में रखा जा सकता है। पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के रेप केस में फंसने के बाद आदिवासी विधायक डॉ. हीरालाल अलावा भी शामिल किए जा सकते हैं।

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