इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर में इस समय ‘नशे का निवेश’ सिर चढ़कर बोल रहा है। अवैध कमाई और धंधे के कारण पब और बार संचालकों ने सारी नैतिकता ताक पर रख दी है। यही कारण है कि पब और बार में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों यानी नाबालिगों को भी प्रवेश दे दिया जाता है। नशीले ड्रग्स बेचने वाले भी पब में जाने वाले युवाओं और किशोरों को अपना टारगेट बना रहे हैं। ड्रग सप्लायर कुछ पबों के मैनेजरों से दोस्ती करके वहां पहुंचते हैं और रईस परिवारों के बच्चों को ड्रग्स के नशे की ओर ले जाते हैं। इस तरह शराब के बाद ड्रग्स को अपनाकर कई युवाओं का जीवन तबाही के रास्ते पर जा रहा है।

दुर्भाग्य की बात है कि इतना सब होने के बाद भी प्रशासन, आबकारी विभाग और नारकोटिक्स विभाग इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। कुछ महीने पहले प्रशासन और आबकारी विभाग द्वारा इक्का-दुक्का कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब कार्रवाई ठप है। फिलहाल देर रात पबों से नशे में चूर होकर निकले युवक-युवतियों के सड़कों पर विवाद और मारपीट अलग ही कहानी कह रही है। लगता है, हालात बेकाबू होते जा रहे हैं और पुलिस व प्रशासन के पास नशे के अवैध कारोबार को रोकने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है।

नशे का विकास… बीस साल में चार गुना हुए पब और बार

लगभग बीस साल पहले इंदौर में पब व बार की संख्या लगभग 30 थी, लेकिन आज यह संख्या 114 पर पहुंच गई है। इसमें एफएल-2 और एफएल-3 दोनों तरह के बार शामिल हैं। यानी कई होटल और रेस्त्रां संचालकों ने अपने यहां बार भी खोल रखे हैं। यह बानगी है कि पिछले कुछ सालों में इंदौर में पब संस्कृति ने किस तरह अपने पैर पसारे हैं। आबकारी विभाग सरकार को राजस्व कमाकर देने के लिए पब और बार के लाइसेंस धड़ाधड़ दे रहा है, लेकिन यह देखने वाला कोई नहीं है कि वहां आबकारी नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।

कैफे के नाम पर जा रहे किशोर, अंदर शराब का दौर

शहर में कुछ ऐसे बार भी हैं जो कैफे के नाम पर खुले हैं। इनके नाम में कैफे जुड़ा होने से कई किशोर और युवा लड़के-लड़कियां यहां पहुंच जाते हैं। जब वे अंदर जाते हैं तो एक तरफ काफी मिलती है तो उसी हाल में शराब के भी दौर चलते रहते हैं। ऐसे माहौल में लड़के-लड़कियों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और वे अनचाहे ही नशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सर्वाधिक पब और बार बीआरटीएस पर विजय नगर से लेकर भंवरकुआं के बीच हैं। इसके अलावा निपानिया, कनाड़िया रोड और बायपास रोड में भी यह बढ़ रहे हैं।

नशे का लुभावना जाल : लड़कियों को मुफ्त प्रवेश

कई पब और बार संचालकों ने लड़के-लड़कियों को शराब व नशे की लत लगाने के लिए लुभावना जाल फैला रखा है। सबने अपने-अपने नियम बना रखे हैं। कुछ पब और बार ने लड़कियों का प्रवेश मुफ्त कर रखा है, जबकि लड़कों को शुल्क देना पड़ता है। कुछ पब में नियम बना है कि लड़की साथ होगी तो लड़के को भी इंट्री के लिए पैसा नहीं लगेगा। कुछ पब में पूल पार्टी होती है तो वहां कपल की इंट्री फ्री कर रखी है। कुल मिलाकर लड़के-लड़कियों को नैतिक रूप से गिराने और नशे का आदी बनाने के सारे इंतजाम यहां मौजूद हैं।

आबकारी विभाग का नियम है कि पब और बार में नाबालिग लड़के-लड़कियों को प्रवेश नहीं दिया जा सकता। इंदौर में यह जानकारी में आया है, ऐसा होना गलत है। मैं व्यक्तिगत तौर पर भी इसके खिलाफ हूं। नियम तोड़ने वाले पब और बार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए हम दल बनाकर कार्रवाई करेंगे। यदि पब या बार में शराब के अलावा ड्रग्स का नशा बेचा जा रहा है तो इसके लिए नारकोटिक्स विभाग कार्रवाई के लिए अधिकृत है। – मनीष खरे, सहायक आयुक्त, आबकारी