हरियाणा के IAS का ट्रांसफर पर छलका दर्द …?
खेमका बोले- दबा न सको तो ईमानदार को कम काम देने की नई ट्रिक, किसके हित में?
हरियाणा के चर्चित IAS अधिकारी अशोक खेमका का 30 साल की नौकरी में 55वीं बार ट्रांसफर होने पर दर्द छलका है। उन्होंने अपने ट्रांसफर पर सवाल उठाए हैं। 1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका को अब चौथी बार अभिलेखागार विभाग मिला है।
इस विभाग में सिर्फ 22 कर्मचारी काम करते हैं। जहां दूसरे विभागों का एनुअल बजट हजारों करोड़ होता है वहीं अभिलेखागार विभाग का बजट सिर्फ 4 करोड़ रुपए है।
ट्रांसफर के बाद IAS अशोक खेमका ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘एक बार फिर अभिलेखागार विभाग मिला है। एक सरकारी अधिकारी को एक सप्ताह में कम से कम 40 घंटे का काम सौंपा जाता है, लेकिन अब ईमानदार और अपने काम के प्रति अडिग लोगों से निपटने की एक नई ट्रिक सोची गई है, जिसमें सिविल सेवा बोर्ड के नियमों को नजरअंदाज करते हुए कम से कम काम सौंपा जाए। उन्होंने लिखा है कि स्वाभिमान को नष्ट करो और अपमान का ढेर लगाओ। यह किसके हित में है?’
IAS अशोक खेमका का ट्वीट…
ट्रांसफर का नहीं बताया कारण
राज्य सरकार ने 1991 बैच के IAS अधिकारी अशोक खेमका के अचानक तबादले का कोई कारण नहीं बताया है। खेमका का उनके 30 साल के सेवा करियर में 55वां ट्रांसफर है। ट्रांसफर के बाद खेमका ने अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि एक बार फिर अभिलेखागार मिला है।
खेमका पर खर्च हो रहे हर माह 5 लाख
खेमका के रैंक (अतिरिक्त मुख्य सचिव) के एक IAS अधिकारी की सरकारी खजाने पर प्रति माह कम से कम 5 लाख रुपये की लागत आती है। इसमें महंगाई भत्ता सहित 3.1 लाख रुपए का वेतन, 18,000 रुपए प्रति माह घर-चपरासी भत्ता, एक ड्राइवर वाली कार, रहने के लिए एक बड़ा सरकारी आवास और पूरे परिवार के लिए 100 प्रतिशत चिकित्सा कवर सहित अन्य पात्रताएं शामिल हैं।
चीफ सेक्रेटरी ने अच्छा टीम लीडर बताया
26 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2022 की अवधि के लिए खेमका की नवीनतम प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने 10 में से 9.8 अंक दिए हैं। उनकी रेटिंग तत्कालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज द्वारा 9.9 तक बढ़ा दी। बाद में इसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा अनुमोदित किया गया। कौशल ने अपनी रिपोर्ट में खेमका को एक अच्छा टीम लीडर बताया है।
विज ने दुर्लभ किस्म का अधिकारी बताया
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अनिल विज मंत्री थे, चूंकि अब यह विभाग विज के पास नहीं है। कार्यकाल के दौरान खेमका इसी विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव थे। इस दौरान उन्होंने खेमका की नवीनतम प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में 10 में से 9.9 रेटिंग दी है। साथ ही विज ने खेमका को दुर्लभ किस्म का अधिकारी भी बताया है।
काम को लेकर CS को लिखा लेटर
खेमका ने ट्रांसफर होने से पहले हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने यह संकेत दिए थे कि उच्च शिक्षा विभाग के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विलय के बाद उनके पास पर्याप्त काम नहीं होगा। खेमका ने यह भी संकेत दिए थे कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में काम का बोझ प्रति सप्ताह 2-3 घंटे से अधिक नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया था कि ACS रैंक के एक अधिकारी को एक सप्ताह में कम से कम 40 घंटे के कुल कार्यभार के साथ विभाग सौंपा जा सकता है।