बिना अस्पताल के संचालित हो रहे निजी नर्सिंग कालेज
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने जब अंचल के 900 अस्पतालों की जांच की तो उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
ग्वालियर.। निजी नर्सिंग कोलेज बिना अस्पताल के संचालित हो रहे हैं। हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने जब अंचल के 900 अस्पतालों की जांच की तो उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि कई अस्पताल केवल कागजों में ही संचालित हो रहे हैं। जिनका अफसरों ने भौतिक सत्यापन तक कर दिया और संचालन की इजाजत तक दे डाली। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने भोपाल के अफसरों को पहुंचा दी । जिससे इस पूरे मामले की जांच हो सके। इसके लिए एक कमेटी गठित करने की मांग की गई। क्योंकि इस पूरे गड़बड़ झाले में स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वे अफसर कठघरे में खड़े हो रहे हैं जिन्होंने कागजों में चल रहे अस्पतालों का भौतिक सत्यापन किया।
नए अस्पताल के लिए आनलाइन पोर्टल पर अस्पताल भवन की लोकेशन, स्टाफ,डाक्टर के दस्तावेज,बेड संख्या अपलोड की जाती है। इसके आधार पर स्वास्थ्य अधिकारी भौतिक सत्यापन करते हुए मान्यता दे देते हैं। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में आवेदन करने के बाद वहां के अफसर भौतिक सत्यापन करते हैं। सबकुछ ठीक मिलने पर अस्पताल संचालन की इजाजत दे दी जाती है। ग्वालियर के चार और एक दतिया में संचालित होने वाला अस्पताल हकीकत में मौजूद ही नहीं है। असल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने हाल ही में ग्वालियर अंचल के सभी अस्पतालों की गूगल लोकेशन की जानकारी ली। जिसमें पाया गया कि गालव सुपर स्पेशियलिटी चंद्रपुर, गौतम हास्पिटल बड़ागांव,फैमिली केयर अस्प्ताल निरावली, ईश्वर हास्पिटल पिछोर तिराह और दतिया के इंदरगंढ़ के पास धीरपुरा में स्थित अर्चना मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के गूगल लोकेशन पर जब टीम पहुंची तो यह अस्पताल वहां पर मौजूद नहीं थे। जबकि एक सैंकड़ा अस्पतालों के भवन मौजूद थे पर मरीज,बेड, स्टाफ कुछ भी नहीं था। वहीं कुछ अस्पताल ऐसे मिले जिनके पास बेड संख्या कम थी पर मरीज व स्टाफ तो था पर आक्सीजन प्लांट आदि नहीं थे।
ईश्वर हास्पिटल का पंजीयन कराने के लिए जो नंबर दर्ज किया गया उस पर जब बात की तो संबंधित का कहना था कि उसे अस्पताल है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। ग्वालियर में रहने वाले राजकुमार ने अस्पताल के पंजीयन में मेरे मोबाइल नंबर का उपयोग किया। इसी तरह से निरावली पर फैमिली केयर अस्पताल के लिए जो नंबर दिया गया उस पर कालर का कहना था कि मुरैना के नरेश परमार का अस्पताल है और उनका उमा नर्सिंग कालेज मुरैना में संचालित होता है अस्पताल कहां पर संचालित होता पता कर बताता हूं। गालव सुपर स्पेशियालिटी के पंजीयन के दौरान जो नंबर दिया गया वह गलत नंबर बताया गया। जबकि गौतम हास्पिटल के संचालक बंटी गौतम का कहना था कि हमारा अस्पताल जबाहर गंज डबरा में स्थित है, जहां पर डाक्टर देखने आते हैं।