शराब की पहली घूंट से बढ़ेगा कैंसर का रिस्क …?
शराब की पहली घूंट से बढ़ेगा कैंसर का रिस्क:लिवर ही नहीं, पेट, मुंह में होगा कैंसर; लत छुड़ाने में मदद करेगा मृतसंजीवनी सुरा
WHO ने हाल ही में कहा कि शराब पीने की कोई सेफ लिमिट नहीं है। इससे पहले कैंसर पर रिसर्च करने वाली इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ने शराब को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन कहा था।
कैंसर करने वाली चीजों को कार्सिनोजेन कहा जाता है। ग्रुप 1 में शामिल होने वाले कार्सिनोजेन से सबसे ज्यादा खतरा होता है।
सवाल: क्या ओकेशनली ड्रिंक से भी कैंसर का खतरा होता है?
जवाब: हां, बिल्कुल। WHO के डाटा के अनुसार शराब की वजह से होने वाले कैंसर के केस में करीब आधे केस उन लोगों के थे जो लाइट या मॉडरेट ड्रिंक करते हैं। हफ्तेभर में 1.5 लीटर से भी कम वाइन, 3.5 लीटर से कम बीयर और 450 मिलिलीटर से भी कम स्पिरिट लेने वाले लोग भी कैंसर का शिकार हुए हैं।
सवाल: शराब में आखिर ऐसा क्या होता है जो कैंसर की वजह बनता है?
जवाब: शराब में मौजूद इथेनॉल शरीर में जाने के बाद एसिटेल्डीहाइड नाम के केमिकल में टूट जाता है। इससे हमारा DNA डैमेज हो जाता है। DNA डैमेज होने से शरीर में होने वाला डैमेज ठीक नहीं हो पाता। इससे कैंसर हो सकता है।
सवाल: शराब पीने वाली महिला में कौन से कैंसर का रिस्क ज्यादा रहता है?
जवाब: WHO के मुताबिक शराब पीने से महिलाओं के ब्रेस्ट को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। इसलिए ज्यादातर उनमें ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखे जाते हैं।
सवाल: शराब से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
जवाब: शराब शरीर को पहुंचाती है ये 10 नुकसान…
- हाई ब्लड प्रेशर
- दिल से जुड़ी बीमारियां
- स्ट्रोक
- डाइजेस्टिव सिस्टम से रिलेटेड बीमारियां
- कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम
- फैटी लिवर
- हेपेटाइटिस
- भूख न लगना
- पैंक्रियाटाइटिस
- इन्फर्टिलिटी
सवाल: लोगों को लगता है कि बियर ज्यादा नुकसानदेह नहीं, इसकी क्या सच्चाई है?
जवाब: ऐसा पिछली कुछ स्टडीज में पाया गया है कि बियर और वाइन ज्यादा नुकसानदेह नहीं होती। इनमें अल्कोहल कंटेंट काफी कम होते हैं। वाइन में 11 से 13 प्रतिशत और बियर में 4 से 5 प्रतिशत अल्कोहल होता है। कुछ एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि एक लिमिटेड मात्रा में बियर पीने से दिल की बीमारी और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है। वाइन में भी एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो कोरोनरी आर्टरी डिजीज में फायदेमंद होते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। लेकिन ये दोनो ही बातें बियर और वाइन सीमित मात्रा में लेने वालों के लिए हैं।
अमेरिका में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में कैंसर प्रिवेंशन फेलो के रूप में अध्ययन का नेतृत्व करने वाले एंड्रयू सेडेनबर्ग के मुताबिक
- ज्यादा बियर पीने से कैंसर, लिवर डिजीज और दिल की बीमारियां हो सकती हैं।
- ज्यादा वाइन पीने से डिहाइड्रेशन, लिवर प्रॉब्लम और कैंसर हो सकता है।
सवाल: पहले कुछ स्टडीज में कहा गया था कि कम मात्रा में शराब दिल के लिए अच्छा होता है, आखिर किस बात को मानें?
जवाब: जिन स्टडीज में यह कहा गया है कि अल्कोहल दिल के लिए बेहतर है वो पश्चिमी देशों के उन लोगों पर की गई थी जो ज्यादातर अधिक फैट वाला खाना खाते हैं। वहीं भारतीय लोगों पर की गई किसी भी स्टडी में ऐसा नहीं पाया गया कि अल्कोहल पीने से दिल को फायदा होता है।
सवाल: क्या शराब का असर मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है?
जवाब: जरा सी शराब पीने से हमारे नर्वस सिस्टम के सिग्नल्स पर असर पड़ता है। इससे कई बार हमारा दिमाग सही से काम नहीं कर पाता है। शराब पीने से गुस्सा, डिप्रेशन और एंग्जायटी बढ़ जाती है। इससे डिमेंशिया भी हो सकता है।
सवाल: क्या शराब पीने के तरीके का भी कुछ असर होता है?
जवाब: अल्कोहल हमारे शरीर में किस तरह रिएक्ट करेगी ये इन फैक्टर्स पर डिपेंड करता है…
- शराब के साथ क्या खाया जा रहा है
- रेगुलर पी रहे हैं या नहीं
- बिंज ड्रिंकिंग करते हैं या नहीं
- किस तरह की शराब पी रहें हैं
- दूसरे रिस्क फैक्टर्स जैसे कोई क्रॉनिक बीमारी है कि नहीं
सवाल: क्या किसी भी मात्रा में शराब पीना सेफ नहीं है?
जवाब: WHO के नॉन कम्युनिसिबल डिजीज मैनेजमेंट एक्सपर्ट डॉ. कैरिना फेरेरा-बोर्गेस कहती हैं कि हम यह दावा नहीं कर सकते हैं कि इतनी मात्रा में शराब पीने से आप सेफ है और इससे ज्यादा पिएंगे तो बीमार हो जाएंगे।
इतना जरूर दावा कर सकते हैं कि शराब की पहली बूंद से ही कैंसर का खतरा शुरू हो जाता है। हम यह भी दावा करते हैं कि आप जितनी अधिक शराब पीते हैं, यह आपकी सेहत के लिए उतनी ही ज्यादा हानिकारक होती है।
सवाल: यह मॉडरेट ड्रिंकिंग की थ्योरी महिला और पुरुष के लिए क्या है?
जवाब: अमेरिकन सेक्सटर्नल आइकन के मुताबिक मॉडरेट ड्रिंकिंग की थ्योरी कहती है कि एक एडल्ट को ही शराब पीना चाहिए। एक एडल्ट पुरुष के लिए 2 या दो से कम ड्रिंक मॉडरेट माना गया है। वहीं एक महिला के लिए 1 ड्रिंक या उससे कम मॉडरेट यानी बैलेंस माना गया है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक जो पुरुष एक हफ्ते में 15 ड्रिंक्स या इससे ज्यादा शराब पीते हैं, उन्हें हैवी ड्रिंकर माना जा सकता है। महिला अगर एक हफ्ते में 8 या इससे ज्यादा ड्रिंक्स लेती हैं तो उन्हें हैवी ड्रिंकर माना जाएगा।
जवाब: शराब से हुए नुकसान को एक दिन में खत्म नहीं किया जा सकता। इसके लिए आपको हर दिन प्रयास करना होगा।
इन तीन बातों का ख्याल रखना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है…
- शराब का कंसम्पशन कम से कम कर दें। कोशिश करें कि न पिएं।
- फॉलो करें मेडिटिरेनियन डाइट।
- एक्सरसाइज और खासतौर पर कार्डियो करें।
सवाल: ये मेडिटिरेनियन डाइट क्या होती है?
जवाब: कई ऑब्सर्वेशनल स्टडीज में पाया गया है कि मेडिटिरेनियन डाइट हेल्थ के लिए अच्छी होती है। इस डाइट में….
- बिना प्रोसेस किए हुए अनाज जैसे गेहूं, चावल, ओट्स, बाजरा और सभी तरह की दालें सबसे ज्यादा मात्रा में शामिल हैं।
- फल और सब्जियों को प्रेफरेंस दी जाती है।
- खाना बनाने के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है।
- कम मात्रा में फिश, मीट और डेयरी प्रोडक्टस जैसे दूध, दही, पनीर खाए जाते हैं।
सवाल: मृत संजीवनी सुरा क्या होता है, इसके दूसरे फायदे क्या हैं?
जवाब: यह एक आयुर्वेदिक औषधि है। पुराना गुड़, बबूल की छाल, अनार, वसाका, मोचरस, लज्जालु, अतीस, अश्वगंधा, देवदार, बिल्व, श्योनका, पटाला, शालपर्णी, प्रिश्नपर्णी, वृहती, कंटकारी, गोक्षुर, इन्द्रवरुणी, कोला, एरण्ड, पुनर्नवा, धतुरा, लौंग, इलायची, दालचीनी, पद्माख, उशीर, लाल चन्दन, सफ़ेद चन्दन, सौंफ़, यमानी, सोंठ, मिर्च, पीपल, साठी, जायफल, नागरमोथा, मेथी से बनाया जाता है।
मृत संजीवनी सुरा के फायदे ये हैं
- यह औषधि लिवर को ताकत प्रदान करती है, जिससे लिवर से पाचक रसों का स्राव उचित मात्रा में होता है ।
- पाचन तंत्र दुरुस्त करता है जिससे पेट गैस, कब्ज, एसिडिटी आदि समस्याओं में भी आराम मिलता है ।
- बुखार के बाद होने वाली कमजोरी में इस टॉनिक काे पीने से फादया मिलता है ।
- सर्दियों के मौसम में इससे शरीर को गर्मी मिलती है जबकि गर्मियों में यह शरीर को ठंडक देता है ।
- इससे दस्त एवं अतिसार की बीमारी में आराम मिलता है ।
- खांसी एवं दमा में भी रिलैक्स करता है।